बिहार: नीतीश कैबिनेट ने ‘आबकारी सेवा'' का नाम बदलकर ‘मद्य निषेध सेवा'' किया

बिहार: नीतीश कैबिनेट ने ‘आबकारी सेवा का नाम बदलकर ‘मद्य निषेध सेवा किया
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बिहार की नई आबकारी नीति, 2015 के तहत राज्य में शराब की बिक्री और इसे पीने पर पूरी तरह से प्रतिबंध का प्रावधान है।

बिहार कैबिनेट ने नयी आबकारी नीति, 2015 के मद्देनजर ‘बिहार आबकारी सेवा' का नाम बदल कर ‘बिहार मद्यनिषेध सेवा' किए जाने को आज मंजूरी दे दी। नयी आबकारी नीति, 2015 के तहत राज्य में शराब की बिक्री और इसे पीने पर पूरी तरह से प्रतिबंध का प्रावधान है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में ‘ बिहार आबकारी अराजपत्रित कैडर का नाम बदल कर ‘बिहार मद्यनिषेध अधीनस्थ सेवा' किए जाने को मंजूरी दी।

कैबिनेट सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव अरूण कुमार सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि बैठक में इस बारे में निषेध, आबकारी और पंजीकरण विभाग के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया। इस विभाग ने पिछले दो साल से अधिक समय से राज्य में मद्य निषेध कानून लागू कर रखा है।

बैठक में राज्य के कटिहार जिला में एक निजी विश्वविद्यालय - अल करीम विश्वविद्यालय की स्थापना को भी मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि राज्य कैबिनेट ने 143. 80 करोड़ रूपये की लागत से बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजनाओं को भी हरी झंडी दिखाई।

इस योजना से न सिर्फ सिंचाई सुविधा मिलेगी बल्कि जल संरक्षण, बाढ़ नियंत्रण के अलावा परिवहन सुविधा में भी मदद मिलेगी। बैठक में विभिन्न विभागों के कुल 20 एजेंडा को लिया गया।

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