IIT पटना में बंद हुआ एमटेक इन नेनो साइंस कोर्स, संशोधन के लिए कमेटी गठित

IIT पटना में बंद हुआ एमटेक इन नेनो साइंस कोर्स, संशोधन के लिए कमेटी गठित
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आईआईटी पटना में एमटेक इन नैनो साइंस कोर्स को बंद कर दिया गया है। साल 2012 में कोर्स शुरू किया गया था। बीओसी की बैठक में फैसला लिया गया कि इस कोर्स को बंद कर दिया जाएगा, क्योंकि छात्र प्लेसमेंट से संतुष्ट नहीं हैं। बीओसी की बैठक में कई निर्णय लिए गए।

आईआईटी पटना में एमटेक इन नैनो साइंस कोर्स को बंद कर दिया गया है। साल 2012 में कोर्स शुरू किया गया था। बीओसी की बैठक में फैसला लिया गया कि इस कोर्स को बंद कर दिया जाएगा, क्योंकि छात्र प्लेसमेंट से संतुष्ट नहीं हैं। बीओसी की बैठक में कई निर्णय लिए गए।


खबरों के मुताबिक आईआईटी पटना के पहले स्टैट्यूट में संशोधन किया जाएगा। स्टैट्यूटमें संशोधन कर लाइब्रेरी कैडर को इंट्रोड्यूस किया जाएगा। इसके लिए कमेटी गठित की गई है। आईआईटी पटना के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की 31वीं बैठक में यह फैसला लिया गया है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सेकेंड जेनरेशन के सभी आईआईटी को स्टैट्यूट में संशोधन कर लाइब्रेरी कैडर को शामिल करने का निर्देश दिया है। सेकेंड जेनरेशन के सभी आईआईटी एक प्लेटफॉर्म पर आएंगे और संशोधन को एक साथ लागू किया जाएगा। लाइब्रेरी कैडर के अलावा और भी क्षेत्रों की पहचान की जाएगी, जहां संशोधन की जरूरत है।



बैठक में आईआईटी पटना में एमटेक इन नैनो साइंस कोर्स को इसलिए बंद कर लिया गया क्योंकि छात्र प्लेसमेंट से संतुष्ट नहीं हैं इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के छात्रों को भी इससे कोई फायदा नहीं हो रहा है। इस कोर्स को साइंस के फैकल्टी पढ़ा रहे हैं इसलिए फैकल्टी व छात्रों के बीच इंटरेस्ट नहीं मिल रहा है।

इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के छात्र साइंस पढ़ने में इंट्रेस्टेड नहीं हैं। ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल की ओर से भी बताया गया है कि कोई भी कंपनी इस कोर्स के छात्रों को जॉब देने के लिए इंट्रेस्टेड नहीं है। इसलिए इस कोर्स को बंद कर दिया जाए।

आईआईटी पटना की एनआईआरएफ रैंकिंग में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल इंजीनियरिंग कैटेगरी में आईआईटी पटना 22वें तथा ओवरऑल कैटेगरी में 58वें स्थान पर है। नए इनिशिएटिव्स लेने का सुझाव दिया गया है ताकि संस्थान की एनआईआरएफ रैंकिंग में सुधार हो।

इसके अलावा यह भी निर्णय लिया गया है कि छात्रों की संतुष्टि के लिए उनसे फीडबैक लिया जाएगा। जिसमें सुरक्षा इंतजामों के बारे में उनसे राय ली जाएगी। इसके लिए फॉर्मेट भी तैयार किया गया है। संस्थान में अभी 1576 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं।

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