बिहारः इंजीनियर ने फर्जीवाड़े की दुनिया में रचा इतिहास, 30 साल तक एक साथ तीन पदों पर की नौकरी
बिहार सरकार के एक सहायक इंजीनियर के फर्जीवाड़े का हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। सहायक इंजीनियर ने एक साथ तीन अलग-अलग पदों पर तीस साल तक नौकरी की और सैलरी ली। यही नहीं इंजीनियर को तीनों ही पदों पर समय पर प्रमोशन भी मिला। लेकिन आखिरकार उसका फर्जीवाड़ा पकड़ा ही गया।

बिहार सरकार के एक सहायक इंजीनियर के फर्जीवाड़े का हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। सहायक इंजीनियर ने एक साथ तीन अलग-अलग पदों पर तीस साल तक नौकरी की और सैलरी ली। यही नहीं इंजीनियर को तीनों ही पदों पर समय पर प्रमोशन भी मिला। लेकिन आखिरकार उसका फर्जीवाड़ा पकड़ा ही गया।
खबरों के मुताबिक वृहद वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (CFMS) ने पटना जिले बभौल गांव के रहने वाले सुरेश राम के फर्जीवाड़े को पकड़ लिया। सीएफएमएस में बिहार सरकार के प्रत्येक कर्मचारी को अपना आधार, जन्मदिन और पैन की जानकारी भरना होता है। सुरेश ने जब अपना डिटेल भरा तो उसकी चालबाजी पकड़ी गई।
सुरेश राम के सहयोगी और बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट में कार्यकारी इंजीनियर मधुसूदन कुमार कर्ण की शिकायत के बाद पिछले हफ्ते किशनगंज पुलिस स्टेशन में सुरेश राम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। सुरेश राम अगले कुछ साल में रिटायर होने वाला था। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। एफआईआईर दर्ज होने के बाद से वह फरार है।
एफआईआर के अनुसार सुरेश को सबसे पहले राज्य सड़क निर्माण विभाग में 20 फरवरी 1988 को पटना में नियुक्त किया गया। 28 जुलाई 1989 को उसे जल संसाधन विभाग में नौकरी मिली। इसी साल सुरेश राम को जल संसाधन विभाग में ही एक और नौकरी मिल गई। उसे सुपौल जिले में तैनात किया गया।
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