भगत सिंह भी थे नेहरू के ''राडार'' पर, परिजनों ने खोला राज

नई दिल्ली. नेताजी सुभाष चंद्र बोेस के परिजनों की जासूसी पर विवाद का अभी थमा नहीं था कि इधर एक और खबर आई है कि कांग्रेस सरकार ने आईबी से 'शहीद-ए-आजम' सरदार भगत सिंह के घरवालों की जासूसी भी करवाई थी।
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इस मुद्दे पर भगत सिंह के भतीजे अभय सिंह संधु ने दावा किया है कि उनके परिवार की भी कई सालों तक निगरानी गई। संधु ने सरकार से मांग की है कि भगत सिंह से जुड़ी सभी फाइलें सार्वजनिक की जाएं।
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57 साल के संधु ने मोहाली में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कई सालों तक उनके परिवार पर नजर रखी गई। फोन पर होने वाली हमारी बातचीत भी निगरानी रखी जाती थी।
संधु ने बताया कि ब्रिटिश शासन के समय से ही उनके परिवार पर पैनी नजर रखी गई। यह सिलसिला देश की आजादी के बाद भी नहीं थमा और सालों तक हम खुफिया एजेंसियों की नजर में थे।
संधु ने भगत सिंह के चाचा और स्वतंत्रता सेनानी सरदार अजित सिंह से जुडी फाइलें को भी सार्वजनिक करने की मांग की । उन्होंने कहा हम वह सारी बातें जानना चाहते हैं जो ब्रिटिश सरकार ने सरदार अजित सिंह और शहीद भगत सिंह के बारे में लिखी थी।
संधु ने सवाल किया कि सरकार इन फाइलों को क्यों छुपा रही है और साथ ही कहा कि इन शहीदों से जुड़े सारे रेकॉर्ड्स को सार्वजनिक किया ही जाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई है कि केंद्र सरकार इस संबंध में जल्द ही कदम उठाएगी।
संधु भगत सिंह के छोटे भाई सरदार कुलबीर सिंह के बेटे हैं। कुलबीर सिंह का जन्म 1914 में हुआ था और वह फिरोजपुर से जनसंघ के विधायक भी थे।
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