न्यू टेक्नोलॉजी: आपके दिमाग को पढ़ लेगा यह कंप्यूटर

न्यू टेक्नोलॉजी: आपके दिमाग को पढ़ लेगा यह कंप्यूटर
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यह सॉफ्टवेयर यूजर के चेहरे के विजुअल क्यू के जरिए काम करता है।
नई दिल्ली. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) तहत ऐसे कंप्यूटर सिस्टम डेवलप किए जाते हैं जो इंसानी इंटेलिजेंस के आधार पर काम करते हैं। इसमें विजुअल परसेप्शन, स्पीच रिकॉग्निशन और फैसला लेने की क्षमता जैसे फीचर्स शामिल हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर और टेक्नॉलोजी का सबसे बड़ा उदाहरण स्टीफन हॉकिंग का इंटेल का ACAT (असिस्टिव कॉन्टेक्स्ट अवेयर टूलकिट) प्रोग्राम है।
इसके जरिए मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉगिंग लोगों से बात करते हैं। इस सॉफ्टवेयर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह प्रोफेसर हॉकिंग के इशारों पर काम करता है। यह सॉफ्टवेयर यूजर के चेहरे के विजुअल क्यू के जरिए काम करता है। यह सॉफ्टवेयर वेबकैम और इंफ्रारेड सेंसर के जरिए कमांड्स लेता है। खास बात यह है कि इंटेल ने पिछले साल इस ACAT प्रोग्राम को ओपेन सोर्स कर दिया है ताकि इसका यूज करके दुसरी कंपनियां ऐसी मशीन डेवलप कर सकें जिससे लोगों को मदद मिल सके। डेली मेल के मुताबिक वैज्ञानिकों ने एक ऐसा कंप्यूटर प्रोग्राम डेवेलप किया है जो बोले जाने वाले वाक्यों को जानने के लिए दिमाग को पढ़ेगा।
इस टेक्नॉलोजी पर रिसर्च करने वाले अमेरिकी यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर के वैज्ञानिक डॉक्टर एंड्रू एंडर्सन के मुताबिक यह तकनीक उन लोगों की मदद कर सकती है जिन्हें किसी स्ट्रोक की वजह से बोल नहीं सकते हैं। वैज्ञानिकों ने रिसर्च में शामिल लोगों के दिमाग को स्कैन करने के लिए MRI यूज किया और दिमाग की एक्टिविटी का पता लगाया। इस दौरान रिसर्च में शामिल लोगों के बोले जाने वाले वाक्यों का कुछ हद तक अंदाजा लगाने में सफल हुए।
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