1 मार्च से नए तरीके से होगा आधार का वेरिफिकेशन, जानकारी रहेगी सुरक्षित

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने गोपनीयता से जुड़ी सभी आशंकाओं को दूर करने के लिए वेरिफिकेशन का नया तरीका ढूंढ़ लिया है। अब आपके आधार कार्ड की जानकारी लीक होने का खतरा न के बराबर रह जाएगा। जहां भी आधार नंबर की जरूरत होती है वहां आधार नंबर की जगह 16 अंको की वर्चुअल आईडी डाली जाएगी।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही द ट्रिब्यून ने आधार से जुड़ी जानकारी लीक होने की आशंका जताई थी, जिसका सरकार और प्राधिकरण ने खंडन किया था। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने गोपनीयता से जुड़ी सभी आशंकाओं को दूर करने के लिए ‘वर्चुअल आईडी' पेश किया है।
यह भी पढ़ें- रेडमी के इस मॉडल ने भारत में मचाई धूम, 1 महीने में ही बिक गए 10 लाख स्मार्टफोन
इस तरह से करेगा काम
कोई भी आधार कार्ड धारक प्राधिकरण की वेबसाइट पर जाकर अपना वर्चुअल आईडी निकाल सकते हैं। इसके जरिये बिना आधार संख्या साझा किये सिम के सत्यापन समेत कई अन्य कार्य किये जा सकते हैं। वर्चुअल आईडी बायोमीट्रिक्स के साथ 16 अंकों वाली संख्या होगी। इससे मोबाइल कंपनी या किसी अन्य प्राधिकृत एजेंसी को उपभोक्ता का नाम, पता व फोटो मिल जाएगा जो कि सत्यापन के लिए पर्याप्त है।
वर्चुअल आईडी बनाने की नहीं है कोई सीमा
अधिकारियों ने बताया कि कोई भी कार्डधारक कितनी भी वर्चुअल आईडी बना सकते हैं। नयी वर्चुअल आईडी बनाते ही पुराना वाला स्वत: ही रद्द हो जाया करेगा। एक दूरसंचार कंपनी ने बताया कि इसके अलावा प्राधिकरण ने ‘सीमित केवाईसी' की भी शुरुआत की है जिसके तहत किसी प्राधिकृत एजेंसी को उपभोक्ता की सीमित जानकारी ही उपलब्ध हो पाती है।
1 मार्च से करेगा काम
वर्चुअल आईडी किसी भी व्यक्ति की आधार संख्या पर आधारित होगी। इसे 1 मार्च 2018 से स्वीकार किया जाने लगेगा। सत्यापन के लिए आधार का इस्तेमाल करने वाली सभी एजेंसियों के लिए वर्चुअल आईडी स्वीकृत करना एक जून 2018 से अनिवार्य हो जाएगा। इसका पालन नहीं करने वाली एजंसियों को आर्थिक दंड का सामना करना होगा।
यह भी पढ़ें- रेल यात्रियों को मोदी सरकार का तोहफा, फ्री में कर पाएंगे इंटरनेट का इस्तेमाल
प्राधिकरण के परिपत्र के अनुसार, ‘‘आधारकार्ड धारक सत्यापन या केवाईसी सेवाओं के लिए आधार संख्या के बदले वर्चुअल आईडी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके जरिये वैसे ही सत्यापन किया जा सकता है जैसे आधार संख्या के जरिये किया जाता है।'
प्राधिकरण ने यह कदम गोपनीयता बढ़ाने व आधार की जानकारियों को सुरक्षित रखने के लिए उठाया है। यह कदम ऐसे समय में उठा है जब लोगों की निजी व जनसांख्यिकीय आंकड़े जमा करने को लेकर चिंताएं उठने लगी हैं।
इससे विभिन्न एजेंसियों द्वारा आधार संख्या संग्रहित करने में भी कमी आएगी। प्राधिकरण के अनुसार, सत्यापन करने वाली एजेंसियां कार्डधारक के बदले वर्चुअल आईडी बनाने के लिए स्वीकृत नहीं होंगे।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS