खुशखबरी: TRAI के इस कदम से 1000 mbps की स्पीड से मिलेगी सस्ती ''इंटरनेट''

मोबाइल टावरों को आपस में जोड़ने वाले E और V बैंड सहित बैकहॉल स्पेक्ट्रम को दूरसंचार विभाग नीलामी के जरिए आवंटित करने की योजना बना रहा है। यह दूरसंचार नियामक ट्राई के निश्चित राशि पर इसे आवंटित करने के सुझाव के विपरीत है।
एक आधिकारिक सूत्र ने मीडिया से कहा, ‘‘दूरसंचार विभाग में माइक्रोवेव एक्सेस और माइक्रोवेव बैकबोन पर काम करने वाला समूह E और V बैंड के स्पेक्ट्रम को नीलामी के द्वारा आवंटित करने के पक्ष में है।
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1000 mbps की स्पीड से मिलेगा डेटा
इस संबंध में समिति द्वारा तैयार की गई एक रपट दूरसंचार आयोग की 21 दिसंबर की बैठक में पेश की जानी है।' E बैंड में 71-76 GHz और 81-86 GHz की फ्रिक्वेंसी होती है। V बैंड में 57-64 GHz की फ्रिक्वेंसी होती है। इन दोनों बैंड के तहत डेटा को 1000 mbps की गति से भेजा जा सकता है।
लागत में आएगी कमी
यह बैंड दूरसंचार कंपनियों का काम आसान कर सकता है क्योंकि यह उनके ऑप्टिकल फाइबर केबल के बिछाने के खर्च को कम कर सकता है। उल्लेखनीय है कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने E-बैंड के 250 MHz के प्रत्येक स्लॉट को 10,000 रुपये वार्षिक और इस बैंड में पहले आवंटन के तिथि से तीन साल के लिये 50 प्रतिशत की प्रोत्साहन छूट भी दी जा सकती है।
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हर पांच वर्षों में होगी समीक्षा
V-बैंड के 50 MHz के प्रत्येक स्लॉट को 1,000 वार्षिक की तय दर पर आवंटित करने का सुझाव दिया है। ट्राई ने यह भी कहा है कि E और V बैंड के मूल्य की पांच साल में उनके इस्तेमाल को देखते हुए समीक्षा की जानी चाहिये।
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