इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त भूल कर भी न करे 4 गलतियां, वरना भारी पड़ सकती है गलतियां, जानें इनके बारे में

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त भूल कर भी न करे 4 गलतियां, वरना भारी पड़ सकती है गलतियां, जानें इनके बारे में
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भारत में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने आखरी तारीक 31 जुलाई 2018 है, इसके साथ ही लोगों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जो रिटर्न फाइल हुआ है वह ठीक है या नहीं और कई बार एेसा देखा गया है कि कई बार रिटर्न फाइल करते वक्त कई गलतियां कर देते है।

भारत में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने आखरी तारीक 31 जुलाई 2018 है, इसके साथ ही लोगों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जो रिटर्न फाइल हुआ है वह ठीक है या नहीं और कई बार एेसा देखा गया है कि कई बार रिटर्न फाइल करते वक्त कई गलतियां कर देते है।

इन गलतियों की वजह से करदाताओं को आयकर विभाग की तरफ से नोटिस मिलने की संभावना बढ़ जाती है, साथ ही हम आपको चार बाते बताएंगे कि कैसे लोग इन गलतियों से बच सकते है-

अन्य जगह से आय की विवरण देना जरूरी है

ज्यादातर करदाता अन्य जगह से मिली आय का ब्योरा देन भूल जाते है, जिसमें एफडी पर मिलने वाला ब्याज के साथ बैंक के सेविंग खाते पर मिला ब्याज शामिल है। इसके साथ जो लोगों ने नौकरी बदली है, वे कई बार पुराने नियोक्ता से हुई आय की जानकारी देना भूल जाते है।

लेकिन इस तरह की गलतियां करना करदाता को मुश्किल में डाल सकता है और साथ ही करदाता को एक साल में हुई आय की पूरी जानरकारी देना जरूरी है। अगर एेसा नहीं होता है तो आयकर विभाग करदाताओं के खिलाफ कार्रवाई भी कर सकता है।

टैक्स बेनिफट्स पर क्लेम में गलती

काफी सारे करदाताओ को यह नहीं पता है कि हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स सेविंग की जाती है, यह सेविंग धारा 80 डी के तहत होती है। कई बार लोग टैक्स सेविंग डिडक्शन्स को क्लेम करना भूल जाते है, जिसमें सेक्शन 80 टीटीओ के तहत सेविंग बैंक एकाउंट पर ब्याज, सेक्शन 80 सी ट्यूशन फीस और अन्य क्लेम करने से भी चूक जाते है।

टीडीएस की जानकारी में गलती

करदाताओं को फॉर्म 26 एएस टीडीएस की जानकारियों में गलती करने से बचना चाहिए, इन गलतियों की वजह से करदाताओं को अतिरिक्त कर देना पड़ सकता है। फॉर्म 26 एएस को रिटर्न फाइल करने से पहले एक बार जरूर चेक करना चाहिए कि सब चीजे सही से भरी हुई है या नहीं।

एेसा भी हुआ है कि नियोक्ता काटा गया टीडीएस सरकार के पास जमा नहीं कराता या आपके नाम, पैन आदि की टीडीएस रिटर्न में गलत जानकारी दे देता है। इससे टैक्स क्रेडिट क्लेम करने में दिक्कत आती है।

छूट में आने वाली आय की जानकारी नहीं देना

जल्दबाजी में करदाता रिटर्न फाइल करते वक्त छूट के दायरे में आने वाली चीजो के बारे में बताना भूल जाते है, जिसमें लाभांश, इक्विटी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन और अन्य फंड पर ब्याज शामिल है। वहीं दूसरी तरफ आयकर विभाग इस तरह के महत्वपूर्ण आय का विवरण जरूर मांगता है।

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