R-Com को मिली राहत, Jio को संपत्ति बेचने की मिली अनुमति

अनिल अंबानी की अगुवाई वाली दूरसंचार कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (R-Com) ने आज कहा है कि नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने अंतरिम आदेश पारित कर उसके 25,000 करोड़ रुपए के परिसंपत्ति बिक्री कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है।
R-Com के लिए यह खबर ऐसे समय में सामने आई है जब सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में बॉम्बे हाइकोर्ट के स्थगन को खारिज कर दिया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने R-Com की एसेट सेल्स (संपत्ति बिक्री) पर रोक लगा दी थी। अब वह अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो इंफोकॉम को आरकॉम की संपत्ति बेच सकेंगे।
स्थगन हुए खारिज
R-Com के प्रवक्ता की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि एनसीएलएटी ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए तमाम स्थगनों को खारिज कर दिया है। साथ ही बिक्री कार्यों को निष्पादित करने के साथ ही जमा राशि को एसबीआई के एस्क्रो अकाउंट में जमा रखने को कहा है।
कई संपत्तियां शामिल
इन आदेशों के आधार पर, R-Com अब अपनी परिसंपत्ति मुद्रीकरण योजना को पूरा करने के लिए आगे बढ़ सकता है, जिसमें स्पेक्ट्रम, टॉवर, फाइबर, एमसीएन (मीडिया कनवर्जेन्स नोड्स) और रियल एस्टेट शामिल है।
कुछ दिनों में होगी भरपाई
प्रवक्ता ने बताया कि R-Com को अगले कुछ हफ्तों के भीतर करीब 25,000 करोड़ रुपये तक के कर्ज की भरपाई किए जाने का पूरा भरोसा है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी दिया था निर्देश
प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी आज एनसीएलएटी के पास गई थी ताकि उन स्थगनों को खारिज किया जा सके जिसने उसके टॉवर और फाइबर एसेट्स बिक्री पर रोक लगा रखी है और सुप्रीम कोर्ट ने भी ऐसा ही निर्देश दिया था।
स्टेट बैंक की भी याचिका
भारतीय स्टेट बैंक ने भी ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। ट्रिब्यूनल ने R-Com की समेकित संपत्तियों पर स्वीडन की दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनी एरिक्सन को अपना दावा करने की अनुमति दे दी थी।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
- होम
- क्रिकेट
- ई-पेपर
- वेब स्टोरीज
- मेन्यू
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS