MNP कराना हुआ और भी आसान, सरकार ने बनाया नया प्लान

टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी फी को मौजूदा 19 रुपये से घटाकर अधिकतम 4 रुपये करने का प्रस्ताव रखा है। उसने संबंधित पक्षों को 29 दिसंबर तक इस प्रस्ताव पर राय देने को कहा है।
ट्राई की दलील है कि मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी प्रवाइडर्स की ऑपरेशनल कॉस्ट पिछले दो वर्षों में घटी है जबकि पोर्टिंग के अनुरोधों की संख्या बढ़ी है और इसे देखते हुए प्रति ट्रांजैक्शन ज्यादा कॉस्ट रखने की तुक बेकार है।
पहले तय किया गया 19 रुपए चार्ज
ट्राई ने कहा, 'प्रति पोर्ट ट्रांजैक्शन चार्ज (19 रुपये) अनुमानित फाइनैंशल डेटा और 2009 में दो एमएनपी सर्विस प्रवाइडर्स की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर तय किया गया था।'
उसने कहा, 'दोनों ही एमएनपी प्रवाइडर्स के फाइनैंशल्स और पिछले दो वर्षों में पोर्टिंग के अनुरोधों के वॉल्यूम में बढ़ोतरी को देखते हुए अथॉरिटी की राय यह है कि 19 रुपये की मौजूदा सीमा ट्रांजैक्शन की कॉस्ट और वॉल्यूम को देखते हुए काफी ज्यादा है।' लिहाजा अथॉरिटी ने प्रति ट्रांजैक्शन अधिकतम 4 रुपये फी रखने का प्रस्ताव किया है।
पोर्टिंग के लिए 6.36 करोड़ आवेदन
ट्राई ने कहा कि अखिल भारतीय स्तर पर एमएनपी की इजाजत दिए जाने के बाद 2014-15 में पोर्टिंग के 3.68 करोड़ अनुरोध किए गए थे और 2016-17 में इनकी संख्या 6.36 करोड़ हो गई। हालांकि ट्राई ने पांच वर्षों की अवधि में पोर्टिंग सब्सक्राइबर्स की अनुमानित संख्या से एमएनपी प्रोवाइडर्स की टोटल कॉस्ट में भाग दिया तो पाया कि 2009 के मुकाबले लागत काफी घट चुकी है।
प्रक्रिया आसान की जाए
रेग्युलेटर ने कहा कि जब प्रति पोर्ट ट्रांजैक्शन कॉस्ट 2016-17 के ऑडिटेड ऐनुअल अकाउंट्स के आधार पर रखी गई तो पता चला कि लागत घटकर 4 रुपये पर आ गई। हालांकि ऐनालिस्ट्स ने कहा कि लागत घटने से पोर्टिंग अनुरोधों में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इसके बजाय इसकी प्रक्रिया आसान की जानी चाहिए।
हाई-एंड यूजर्स के लिए ज्यादा नहीं
केपीएमजी इंडिया में टेलिकॉम, मीडिया और टेक्नॉलजी डिवीजन के हेड मृत्युंजय कपूर ने कहा, मौजूदा लागत हाई-एंड यूजर्स के लिए ज्यादा नहीं है, वहीं लोअर एंड पर 'एक नया सिम लेने का विकल्प तो खुला ही रहता है।' 'जरूरी नहीं है कि कम प्राइस से अनुरोधों में बढ़ोतरी हो। इसके बजाय कन्ज्यूमर्स के लिए प्रक्रिया को आसान बनाने से बात बन सकती है।'
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
- होम
- क्रिकेट
- ई-पेपर
- वेब स्टोरीज
- मेन्यू
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS