AI बताएगा मानसून का हाल, यहां जानें कैसे करेगा काम

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। इस पर नए-नए शोध हो रहे हैं। कंटेंट बनाने के लिए चैट जीपीटी (ChatGPT) का उपयोग किया जा रहा है। हालांकि, अपने काम को लेकर AI विवादों में भी बना हुआ है लेकिन फिर भी इसकी डिमांड बनी हुई है। इसको लेकर लोग दो गुटों में बंटे हुए है एक वो जो इसे मानव जाती के लिए सहायक मानते हैं। दूसरे वो जो इसके दुष्प्रभावों के बारे में बात करते हैं।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के शोधकर्ताओं की एक टीम ने अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के साथ मिलकर एक एआई-आधारित मॉडल विकसित किया है जो मानसून में बारिश की भविष्यवाणी कर सकता है।
Also Read: फ्लिपकार्ट पर iPhone 13 और iPhone 14 की बड़ी सेल, खत्म होने से पहले खरीद लें
AI मॉडल कैसे काम करता है
AI मॉडल ने आगामी मानसून सीजन में लगभग 790 मिमी की ऑल इंडिया समर मॉनसून रेनफॉल (AISMR) की भविष्यवाणी की। इसका मतलब है मानसून सामान्य रहेगा।
इसने 2002-2022 की परीक्षण अवधि के लिए 61.9 प्रतिशत की सफलता दर प्रदर्शित करते हुए सटीक जानकारी दी। यह इस पर आधारित है कि क्या मॉडल प्रत्येक वर्ष देखे गए वास्तविक मूल्यों के प्लस या माइनस 5 प्रतिशत के भीतर एआईएसएमआर की भविष्यवाणी करने में सक्षम है। इसके द्वारा बताए गए मौसम की जानकारी अपने वास्तविक वैल्यू से प्लस 5 या माइनस 5 परसेंट ही कम ज्यादा है।
डेटा-संचालित तकनीक राज्य-वार मानसून वर्षा की भविष्यवाणी प्रदान करेगा जो बाद में क्षेत्रीय स्थिति बताने में मदद करेगा। Artificial intelligence मॉडल द्वारा भविष्यवाणी की गई है कि भारत में इस साल सामान्य मानसून रहेगा।
मीडिया की एक रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि कम से कम समय में इसका उपयोग करके सटीक मानसून वर्षा का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। इस कार्य को इसकी मदद से सीमित लोग और सीमित समय में किया जा सकता है। इसके पिछले रिकॉर्ड को देखें तो यह काफी हद तक सटीक जानकारी देने में सक्षम है।
- होम
- क्रिकेट
- ई-पेपर
- वेब स्टोरीज
- मेन्यू
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS