NITI Aayog Report: इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने में भारत से बहुत आगे अमेरिका और चीन, भारत इस वजह से पिछड़ रहा

इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने में भारत से बहुत आगे अमेरिका और चीन, भारत इस वजह से पिछड़ रहा
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भारतीय बाजार में पिछले कुछ सालों के अंदर इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री में ग्रोथ देखने को मिली। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर में तो गजब का बूम देखने को मिला है।

India EV adoption slower than US, EU and China: भारतीय बाजार में पिछले कुछ सालों के अंदर इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री में ग्रोथ देखने को मिली। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर में तो गजब का बूम देखने को मिला है। इसकी सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि फाइनेंशियल ईयर के टॉप-10 टू-व्हीलर में 3 इलेक्ट्रिक मॉडल शामिल रहे। दूसरी तरफ, इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर की सेल्स में भी इजाफा हो रहा है। हर साल इस सेगमेंट में सेल्स का नया रिकॉर्ड बन रहा है। हालांकि, नीति आयोग की एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला डेटा सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत के अंदर इलेक्ट्रिक व्हीकल की सेल्स में भले ही इजाफा हुआ हो, लेकिन इनकी सेल्स अमेरिका, यूरोपीय संघ और चीन जैसे बाजारों की तुलना में धीमी है।

2030 तक 30% सेल्स का लक्ष्य

भारत में 2024 में देश की कुल व्हीकल बिक्री में इलेक्ट्रिक व्हीकल की हिस्सेदारी केवल 7.6% थी, जिससे विकास दर 2030 तक देश द्वारा निर्धारित 30% के लक्ष्य से काफी कम है। हालांकि, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और थ्री-व्हीकल में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, लेकिन बसों, कारों और लंबी दूरी के ट्रकों में इलेक्ट्रिक व्हीकल की पहुंच अभी भी धीमी है। नीति आयोग का मानना है कि इन सेक्टर पर जोर देने के लिए भारत को एक राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी की आवश्यकता है।

थिंक टैंक ने दिए कई प्रस्ताव

थिंक टैंक की "भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल: 200 अरब अमेरिकी डॉलर के अवसर का द्वार खोलना" शीर्षक वाली एक रिपोर्ट में देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप की रूपरेखा तैयार की गई है। रिपोर्ट में प्रमुख चुनौतियों की पहचान की गई है और 2030 तक 30% इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए साहसिक कदम प्रस्तावित किए गए हैं। इसमें इस बदलाव को तेज करने के लिए रणनीतिक निवेश और नियामक सुधारों का भी प्रस्ताव दिया गया है।

2024 में 7.6% EV की सेल्स

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री 2016 में केवल 50,000 यूनिट से बढ़कर 2024 में 28 लाख यूनिट से अधिक हो गई, जबकि ग्लोबल इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री 2016 में 918,000 यूनिट से बढ़कर 2024 में 18.78 मिलियन यूनिट तक पहुंच गई है। भारत 2024 में केवल 7.6% बिक्री इलेक्ट्रिक व्हीकल तक ही पहुंच पाया है, जो 2030 तक 30% के लक्ष्य से बहुत पीछे है।

ई-बस और ई-ट्रक की डिमांड कम

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत को 7.6% के एंट्री लेवल तक पहुंचने में लगभग 10 साल लगे हैं और अब उसे अगले 5 सालों में ही इस हिस्सेदारी को 22% से अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है, "भारत इलेक्ट्रिक दोपहिया और इलेक्ट्रिक तिपहिया व्हीकल के मामले में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। इलेक्ट्रिक बसों के मामले में इसने कुछ प्रगति की है, लेकिन इलेक्ट्रिक कारों के मामले में यह धीमी रही है। लंबी दूरी के इलेक्ट्रिक ट्रकों ने लगभग कोई खास प्रगति नहीं की है।"

(मंजू कुमारी)

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