Imported Cars Duty Cut: ब्रिटेन से आने वाली कारों के टैक्स में 90% कटौती होगी, सस्ती होंगी लग्जरी कारें

Imported Cars From UK To Get 90 Percent Duty Cut: भारत और यूनाइटेड किंगडम ने आधिकारिक तौर पर एक ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसके तहत तीन सालों से अधिक समय तक चली विस्तृत वार्ता पूरी हुई है। इस समझौते से साल 2040 तक दोनों देशों के बीच कुल एनुअल ट्रेड में 25.5 बिलियन पाउंड की वृद्धि होने का अनुमान है। यह 2024 में दोनों भागीदारों के बीच आदान-प्रदान किए जाने वाले मौजूदा 42.6 बिलियन पाउंड के सामान और सेवाओं पर आधारित है।
99% सामानों पर टैरिफ हटेगा
FTA भारतीय एक्सपोर्ट को एक बड़ा बढ़ावा देता है, क्योंकि यूके भारत से आने वाले 99% सामानों पर टैरिफ हटा देगा। आयात शुल्क हटाने से गारमेंट्स, मरीन फू़ड, लेदर प्रोडक्ट और ऑटो कंपोनेंट जैसे सेक्टर को सीधा लाभ मिलेगा। भारत के टैक्सटाइल और मैन्युफैक्चरिंग के लिए यह ब्रिटिश बाजार में अधिक कॉम्पटेटिव खेल का मैदान तैयार करता है। इस बीच, भारत ने यूके के 90% निर्यात पर शुल्क कम करने पर सहमति व्यक्त की है, जो प्रमुख सेक्ट्र में क्रमिक लेकिन महत्वपूर्ण रियायतें प्रदान करता है। स्कॉच व्हिस्की पर मौजूदा 150% आयात कर को दस साल की अवधि में घटाकर 40% कर दिया जाएगा।
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ब्रिटिश कार खरीदना सस्ता होगा
ब्रिटिश निर्मित कारें, जिन पर वर्तमान में 100% से अधिक शुल्क लगता है, अब सिर्फ 10% कर लगाया जाएगा। इससे भारत में हाई कैटेगरी के व्हीकल अधिक सुलभ हो जाएंगे। इस प्रकार जगुआर लैंड रोवर, बेंटले, BMW ग्रुप की मिनी, रोल्स-रॉयस और एस्टन मार्टिन जैसे ब्रांड जो देश में पूर्ण आयात के रूप में लाए जाते हैं, उनकी कीमतों में महत्वपूर्ण कटौती हो सकती है। इस कदम से नॉर्टन जैसे मोटरसाइकिल निर्माताओं को भी लाभ हो सकता है, जिसका स्वामित्व टीवीएस और ट्रायम्फ के पास है। इसका संचालन स्थानीय स्तर पर बजाज ऑटो द्वारा पूरी तरह से देखा जाता है।
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दोनों देशों की बीच निर्णायक कदम
यह समझौता व्यावसायिक गतिशीलता में भी सुधार करता है, मौजूदा इमिग्रेशन पॉलिसी को समायोजित किए बिना प्रॉफेशनल्स के लिए यात्रा प्रक्रियाओं को आसान बनाता है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और यूके के प्रधान मंत्री कीर स्टारमर दोनों ने इस सौदे की सराहना करते हुए इसे दोनों देशों के बीच लगातार विकसित हो रहे संबंधों में एक निर्णायक कदम बताया। यूके के लिए यह व्यापार समझौता यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद से सबसे महत्वपूर्ण है।
(मंजू कुमारी)
