Maruti Cars: इस साल कंपनी की सभी कारों में स्टैंडर्ड तौर पर मिलेंगे 6 एयरबैग, छोटी-सस्ती कार भी बनेगी सेफ

All Maruti cars to get 6 airbags as standard in 2025: देश की नंबर-1 कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया अपनी सभी कारों को 6 एयरबैग से स्टैंडर्ड तौर पर लैस करना चाहती है। दरअसल, मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने पिछले अर्निंग कॉल में पुष्टि की है कि 2025 के आखिर से पहले ब्रांड की सभी कारों में 6 एयरबैग स्टैंडर्ड हो जाएंगे। सुरक्षा के दृष्टिकोण से सरकार बहुत उत्सुक थी कि सभी कारों में 6 एयरबैग होने चाहिए। ऐसे में कंपनी सरकार की इस इच्छा को लागू करने में मदद करेगी। इस काम को दिसंबर 2025 तक या उससे पहले कर लिया जाएगा। हालांकि, इसका असर कारों की कीमतों पर भी होगा।
मारुति लाइनअप में 6 एयरबैग
>> मारुति सुजुकी अपने लाइनअप को 6 एयरबैग के साथ अपग्रेड कर रही है, जिस लिस्ट में ईको, वैगनआर, ऑल्टो K10, ब्रेजा और सेलेरियो हैं, जिन्हें इस साल अपडेट किया गया हैं। फिलहाल मारुति की 6 कारें हैं जिनमें 6 एयरबैग स्टैंडर्ड नहीं हैं। इसमें बलेनो, फ्रोंक्स, इग्निस, अर्टिगा, XL6 और एस-प्रेसो शामिल हैं। फ्रोंक्स और बलेनो के हायर वैरिएंट में साइड और कर्टेन एयरबैग मिलते हैं, इसलिए इनकी कीमतों में बदलाव की संभावना नहीं है।
>> 6-एयरबैग लगने के बाद एंट्री-लेवल ट्रिम्स की कीमत मौजूदा कीमत से ज्यादा हो जाएगी। फ्रोंक्स रेंज की मौजूदा कीमतें 7.55 लाख रुपए से शुरू होती हैं। जबकि बलेनो की कीमत 6.70 लाख रुपए से शुरू होती है। अपडेट के साथ एर्टिगा, XL6, इग्निस और एस-प्रेसो की कीमतें भी बढ़ेंगी, जैसा कि मारुति के अन्य मॉडलों के लिए हुआ था। सेलेरियो में सबसे ज्यादा 32,500 रुपए तक की बढ़ोतरी देखी गई।
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मारुति ने किया 6 एयरबैग का विरोध
चौकाने वाली बात यह है कि अपने मॉडल रेंज में 6 एयरबैग लगाने का मारुति ने हमेशा विरोध किया है। जब भारत सरकार ने देश में बिकने वाली सभी कारों पर 6 एयरबैग को मानक के रूप में लागू करने की योजना बनाई थी, तो लागत में वृद्धि के कारण ब्रांड को संदेह था। पिछले साल भार्गव ने कहा था कि पिछले कुछ सालों में एंट्री-लेवल सेगमेंट में वॉल्यूम में गिरावट आई है। अगर इन प्रोडक्ट की लागत और बढ़ जाती है, तो बिक्री में और भी गिरावट आएगी।
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कार खरीदना 12% तक ही सीमित
कंपनी की इस बात की पुष्टि यूं भी होती है कि पिछले साल छोटी कारों की बिक्री में 9% की गिरावट देखी। भार्गव ने आय वितरण को बाजार के किफायती छोर में वृद्धि को सीमित करने वाले एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में इंगित किया। उन्होंने कहा कि भारत में केवल 12% परिवार ही सालाना 12 लाख रुपए से अधिक कमाते हैं और 10 लाख रुपए या उससे अधिक कीमत वाली कार खरीदने पर विचार कर सकते हैं। भारत में कार खरीदना काफी हद तक इन 12% तक ही सीमित है। आप विकास की उम्मीद कैसे कर सकते हैं जब देश का 88% हिस्सा ऐसे स्तर पर है जहां वे इन कारों को वहन नहीं कर सकते?
(मंजू कुमारी)