Auto Export: दक्षिण अफ्रीका में बड़ा निवेश करेगी महिंद्रा और टाटा मोटर्स, बनेगा नया मैन्युफैक्चरिंग हब

महिंद्रा ने फरवरी 2025 में इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (IDC) के साथ समझौता किया
Auto Export: भारतीय ऑटोमोबाइल दिग्गज महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) और टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स (TMPV) अब दक्षिण अफ्रीका में केवल गाड़ियां बेचने तक सीमित नहीं रहना चाहतीं। दोनों कंपनियां वहां स्थानीय विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) में निवेश की तैयारी कर रही हैं। यह कदम दक्षिण अफ्रीका सरकार की साउथ अफ्रीकन ऑटोमोटिव मास्टर प्लान (SAAM 2035) के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य स्थानीय उत्पादन बढ़ाना और रोजगार सृजित करना है। भारत में मजबूत बिक्री के दम पर टाटा दक्षिण अफ्रीका में 6-8% मार्केट शेयर हासिल करने का लक्ष्य रखती है।
SAAM 2035 के तहत लक्ष्य है कि स्थानीय ऑटो पार्ट्स की हिस्सेदारी 38% से बढ़ाकर 60% की जाए और वाहन उत्पादन 2035 तक 1.4 मिलियन यूनिट प्रति वर्ष तक पहुंचाया जाए। इसके लिए कंपनियों को सेमी-नॉक्ड डाउन (SKD) असेंबली से आगे बढ़कर कंप्लीट नॉक्ड डाउन (CKD) यानी पूर्ण स्थानीय उत्पादन की ओर कदम बढ़ाने होंगे। इस योजना से कंपनियों को टैक्स छूट और ड्यूटी क्रेडिट जैसे कई लाभ मिलेंगे।
महिंद्रा की रणनीति:
महिंद्रा ने फरवरी 2025 में इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (IDC) के साथ समझौता किया है, जिसके तहत कंपनी दक्षिण अफ्रीका में CKD प्लांट स्थापित करने की संभावनाओं पर काम कर रही है। यह यूनिट न केवल मौजूदा Pik Up मॉडल बल्कि उसके अगले ग्लोबल वर्जन का भी उत्पादन करेगी। कंपनी का संयंत्र क्वाजुलु-नटाल (KZN) के ड्यूबे ट्रेडपोर्ट SEZ में स्थित है, जहां क्षमता 900 से बढ़ाकर 1,500 यूनिट प्रति माह की गई है। महिंद्रा अब इलेक्ट्रिक वाहनों (NEV) पर फोकस करते हुए दक्षिण अफ्रीका की खनिज संपदा का उपयोग कर बैटरी निर्माण और ईवी प्लेटफॉर्म विकास को बढ़ावा देना चाहती है।
टाटा मोटर्स की वापसी:
टाटा मोटर्स ने फिर से दक्षिण अफ्रीकी बाजार में प्रवेश किया है, R2.5 लाख से R4.5 लाख (करीब ₹13–24 लाख) की रेंज में कारें पेश करते हुए। इस बार कंपनी ने सुरक्षा को मुख्य प्राथमिकता बनाया है। भारत में 4 और 5 स्टार रेटिंग वाले मॉडल — Tiago, Punch, Curvv और Harrier — अब दक्षिण अफ्रीका में लॉन्च किए जा रहे हैं। कंपनी ने देश के सबसे बड़े ऑटो समूह Motus Holdings के साथ साझेदारी की है, जिससे उसे 40 डीलरशिप का नेटवर्क मिला है, जिसे 2026 तक 60 तक बढ़ाया जाएगा।
महिंद्रा और टाटा की यह पहल भारतीय ऑटो उद्योग के लिए रणनीतिक मोड़ साबित हो सकती है, जिससे दक्षिण अफ्रीका भविष्य में भारतीय कंपनियों का नया वैश्विक उत्पादन और निर्यात केंद्र बन सकता है।
(मंजू कुमारी)
