Driverless Car: भारत में बनी स्वदेशी ड्राइवरलेस कार वायरल, IISc, विप्रो ने मिलकर बनाई

India’s first driverless car Goes Viral Wipro in Bengaluru
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भारत में बनी स्वदेशी ड्राइवरलेस कार वायरल

भारत की पहली स्वदेशी ड्राइवरलेस कार को IISc, विप्रो और आरवी कॉलेज ने मिलकर बनाया है। बेंगलुरु में संत ने इस प्रोटोटाइप कार की सवारी की, जिसका वीडियो वायरल है।

Driverless Car: बेंगलुरु में एक ड्राइवरलेस कार का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। वीडियो में एक संत को बिना ड्राइवर वाली कार में सवार देखा जा सकता है, जबकि वाहन खुद-ब-खुद कॉलेज परिसर में घूमता दिखाई देता है। यह संत उत्तारादी मठ के श्री सत्यमतीर्थ स्वामीजी हैं, जिन्होंने आरवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग का दौरा किया और वहां विकसित की जा रही कॉनसेप्ट ड्राइवरलेस कार में छोटी सी सवारी की।

इस स्वदेशी परियोजना को विप्रो, भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) और आरवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने मिलकर तैयार किया है। यह पहल WIRIN (Wipro-IISc Research and Innovation Network) कार्यक्रम के तहत शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य भारत में नई और उन्नत तकनीकों पर शोध और नवाचार को बढ़ावा देना है।

सूत्रों के मुताबिक, यह कार अभी विकास के शुरुआती चरण में है और आने वाले महीनों में इसका औपचारिक लॉन्च किया जाएगा। फिलहाल इंजीनियरों और शोधकर्ताओं की टीम भारतीय सड़कों और यातायात स्थितियों की मैपिंग पर काम कर रही है, ताकि वाहन भविष्य में सुरक्षित और सुचारू रूप से चल सके।

WIRIN कार्यक्रम का मकसद AI, रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग और ऑटोनोमस सिस्टम्स जैसी अगली पीढ़ी की तकनीकों को वास्तविक उपयोग में लाना है। इसके तहत विप्रो और IISc ने एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। आरवी कॉलेज इस प्रोजेक्ट में तकनीकी विशेषज्ञता और इंजीनियरिंग सहयोग प्रदान कर रहा है।

साझेदारी के तहत जिन प्रमुख क्षेत्रों पर काम किया जा रहा है, उनमें शामिल हैं:

स्वायत्त प्रणालियाँ: इमेजिंग, इमेज प्रोसेसिंग और कंप्यूटर विजन

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीप लर्निंग एल्गोरिद्म

डेटा साइंस और साइबर सुरक्षा

स्मार्ट मटेरियल्स और नई तकनीकें

डिसरप्टिव डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग

भारत में यह पहला अवसर है जब किसी कॉलेज परिसर में स्वदेशी रूप से विकसित ड्राइवरलेस कार का सफल परीक्षण हुआ है। इससे पहले IIT हैदराबाद ने भी ऑफ-रोड उपयोग जैसे कृषि और खनन कार्यों के लिए स्वायत्त वाहनों का विकास किया था, जो फिलहाल संस्थान के कैंपस में लोगों को ले जाने के लिए उपयोग में हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, टेस्ला के सीईओ एलन मस्क भी अमेरिका में ड्राइवरलेस राइड-हेलिंग सेवा शुरू करने की तैयारी में हैं। वहीं, भारत में IISc-विप्रो-आरवी कॉलेज की यह साझेदारी देश की तकनीकी प्रगति की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है।

(मंजू कुमारी)

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