Vehicle Sales: भारतीय ऑटो सेक्टर को FY2026 में मिलेगी नई ऊंचाई, ये फैक्टर होंगे अहम?

India Auto Sector Passenger Vehicle Sales Growth in fy26
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अगस्त 2025 में कमर्शियल सेगमेंट की थोक बिक्री में सालाना आधार पर करीब 6% और खुदरा बिक्री में 3.2% की ग्रोथ हुई। 

ICRA ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि त्योहारी सीजन, मजबूत आर्थिक माहौल और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश जैसे कारकों से आगामी समय में वाहन बिक्री को नई रफ्तार मिलेगी।

Vehicle Sales: भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर इस समय बदलाव और चुनौतीपूर्ण स्थितियों से गुजर रहा है। लेकिन वित्त वर्ष 2026 (अप्रैल 2025–मार्च 2026) के लिए जारी ICRA की ताजा रिपोर्ट बताती है कि आने वाले महीनों में इस सेक्टर में सकारात्मक रुझान देखने को मिल सकते हैं, खासकर वाणिज्यिक वाहनों और निर्यात के मोर्चे पर।

यात्री वाहनों की रफ्तार धीमी

रिपोर्ट के अनुसार FY2026 में यात्री वाहनों की बिक्री में 1–4% तक की मामूली बढ़त हो सकती है। हालांकि अगस्त 2025 में बिक्री में गिरावट देखी गई, क्योंकि कई ग्राहकों ने संभावित जीएसटी कटौती के चलते अपनी खरीद टाल दी। SUV सेगमेंट में ग्राहकों की दिलचस्पी लगातार बनी हुई है, और अगस्त में इसकी हिस्सेदारी कुल यात्री वाहन बिक्री में 65–66% तक रही।

कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में तेजी

  • अगस्त 2025 में कमर्शियल सेगमेंट की थोक बिक्री में सालाना आधार पर करीब 6% और खुदरा बिक्री में 3.2% की ग्रोथ हुई। हालांकि, संभावित जीएसटी कटौती की अटकलों के चलते कई फ्लीट ऑपरेटर्स ने खरीदारी टाल दी, जिससे शुरुआत में थोक बिक्री केवल 1.3% बढ़ पाई।
  • हल्के वाणिज्यिक वाहनों (LCV) की खुदरा बिक्री अगस्त में 8.2% बढ़ी, जबकि मध्यम और भारी वाहनों (M&HCV) की बिक्री में 9.2% की मजबूती दर्ज हुई। यह इंफ्रास्ट्रक्चर और खनन गतिविधियों में तेजी का परिणाम है।

बस सेगमेंट में भी उम्मीदें

बस सेगमेंट में रिप्लेसमेंट डिमांड के चलते FY2026 में 8–10% वृद्धि का अनुमान है। यह खासकर शहरी और ग्रामीण परिवहन सेवाओं में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

निर्यात में जबरदस्त उछाल

अगस्त 2025 में भारत से यात्री वाहनों का निर्यात 25% बढ़ा। वहीं, वित्त वर्ष 2026 के पहले पांच महीनों में यह वृद्धि 15% रही, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय वाहनों की बढ़ती मांग को दर्शाता है।

त्योहारी सीजन से उम्मीदें

ICRA का मानना है कि त्योहारी सीजन, मजबूत आर्थिक माहौल और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश जैसे कारक आने वाले महीनों में बिक्री को रफ्तार देंगे। हालांकि, अंतिम तस्वीर काफी हद तक जीएसटी दरों और उपभोक्ताओं के निर्णय पर निर्भर करेगी।

(मंजू कुमारी)

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