GST Reforms: ऑटो उद्योग को जीएसटी सुधारों से बड़ी उम्मीदें, केंद्र को भेजे कई अहम सुझाव

GST Reforms: भारत में GST सुधारों के बड़े ऐलान के बाद अब आगामी GST काउंसिल बैठक में महत्वपूर्ण चर्चा होगी। खासतौर पर 18% और 22% वाले स्लैब हटाने का प्रस्ताव सामने आया है। हालांकि अंतिम फैसला बैठक के बाद ही होगा, लेकिन अगर यह बदलाव लागू होता है तो ऑटोमोबाइल सेक्टर को बड़ी राहत मिल सकती है। फिलहाल दरों में कटौती की खबर सामने आते ही ग्राहकों ने नई बुकिंग रोक दी है, जिससे ऑटो इंडस्ट्री पर तुरंत असर देखा जा रहा है।
इस बीच, ऑटोमोबाइल डीलर्स के राष्ट्रीय संगठन FADA ने सरकार को सुझाव भेजते हुए कहा है कि त्योहारी सीजन में मांग टल रही है और डीलर्स वित्तीय दबाव में हैं। संगठन ने केंद्र से बैंकों की किश्त अवधि बढ़ाने और Cess क्रेडिट के इस्तेमाल पर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है।
फेस्टिव सीजन पर असर
FADA का कहना है कि डीलर्स अगस्त से अक्टूबर तक आने वाले त्योहारों- ओणम (26 अगस्त), गणेश चतुर्थी (27 अगस्त), नवरात्रि (22 सितंबर) और दिवाली (18–23 अक्टूबर)—के लिए इन्वेंट्री तैयार कर रहे हैं। लेकिन GST रेट रेशनलाइजेशन की खबर के बाद ग्राहक खरीदारी टाल रहे हैं और नए रेट का इंतजार कर रहे हैं। इससे त्योहारी बिक्री पर असर पड़ सकता है और डिमांड केवल दिवाली के समय ही दिख सकती है। फिलहाल नई बुकिंग्स में कमी दर्ज की गई है।
डीलर्स पर वित्तीय दबाव
ज्यादातर डीलर्स अपनी इन्वेंट्री के लिए बैंक और NBFC से 45–60 दिनों की शॉर्ट-टर्म फाइनेंसिंग लेते हैं। अगर तब तक बिक्री सुस्त रही जब तक नए GST रेट लागू नहीं होते, तो उन पर भारी वित्तीय बोझ आ सकता है। किश्तें समय पर न चुकाने पर उन्हें पेनाल्टी और CIBIL स्कोर पर असर झेलना पड़ सकता है। इसलिए FADA ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों से ट्रांशे अवधि बढ़ाने की मांग की है।
Cess क्रेडिट को लेकर असमंजस
FADA ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर सरकार Cess पूरी तरह हटा देती है, तो डीलर्स के पास मौजूद accumulated compensation cess credits का क्या होगा, यह जानना जरूरी है। जब तक इस पर गाइडलाइंस नहीं आतीं, डीलर्स इन्वेंट्री बढ़ाने से बचेंगे।
केंद्र सरकार को दिए गए सुझाव
- GST काउंसिल की बैठक त्योहारों से पहले आयोजित की जाए ताकि बदलाव समय पर लागू हो सकें। बैंक और NBFC को किश्त अवधि 30–45 दिन तक बढ़ाने का निर्देश मिले, जिससे डीलर्स को राहत मिल सके। Cess एडजस्टमेंट पर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी हों, ताकि डीलर्स निश्चिंत होकर इन्वेंट्री प्लान कर सकें।
- FADA का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित GST सुधार लंबे समय में ऑटो सेक्टर को मजबूती देंगे और अर्थव्यवस्था को गति देंगे। लेकिन संगठन ने यह भी चेतावनी दी कि अगर शॉर्ट-टर्म चुनौतियों को समय पर एड्रेस नहीं किया गया, तो त्योहारी सीजन की बिक्री पर बुरा असर पड़ सकता है और पूरा ऑटो इकोसिस्टम प्रभावित होगा।
(मंजू कुमारी)
