GST On Luxury EVs: टेस्ला, BMW, BYD समेत लग्जरी इलेक्ट्रिक कारों पर बढ़ सकता है टैक्स, खरीदना हो जाएगा महंगा

GST panel calls for steep levies on luxury EVs: पीएम नरेंद्र मोदी छोटी कारों पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) कटौती का एलान कर चुके हैं। अब मिडिल क्लास को कारों पर लगने वाले नए GST स्लैब का इंतजार है। इसी इंतजार के चलते फेस्टिव सीजन में कारों की सेल्स रूक गई है। सराकर ने GST स्लैब को लेकर एक पैनल भी तैयार किया है, जो 3 से 4 सितंबर के बीच इस पर चर्चा करेगा। इस बीच, एक सरकारी डॉक्युमेंट सामने आया है। इस डॉक्युमेंट के मुताबिक, भारतीय टैक्स पैनल पैनल ने 46,000 डॉलर से ज्यादा कीमत वाली लग्जरी इलेक्ट्रिक कारों पर उपभोक्ता शुल्क में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है। इस कदम से टेस्ला, मर्सिडीज-बेंज, BMW और BYD जैसे कार मैन्युफैक्चरर की बिक्री प्रभावित हो सकती है।
कई आइटम हो जाएंगे सस्ते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के टैक्स सिस्टम में सुधार लाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। वो भारतीयों को घरेलू सामान ज्यादा खरीदने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ऐसे समय में जब हाई टैरिफ के कारण भारत के अमेरिका के साथ संबंध खराब हो गए हैं। ऐसे में सरकार ने GST में भारी कटौती की सिफारिश की है, जिससे शैंपू से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक सब कुछ सस्ता हो सकता है। भारत की शक्तिशाली GST काउंसिल को टैक्स दरों के सुझाव देने वाले प्रमुख पैनल ने मोदी सरकार के सुधारों के अनुरूप कई वस्तुओं पर व्यापक कटौती का समर्थन किया है। साथ ही, उसने इलेक्ट्रिक कारों पर टैक्स बढ़ाने की अपील भी की है।
28% टैक्स को खत्म किया जाएगा
पैनल ने 20 लाख रुपए से 40 लाख रुपए (23,000 डॉलर से 46,000 डॉलर) के बीच कीमत वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए GST रेट को वर्तमान 5% से बढ़ाकर 18% करने की सिफारिश की है। वहीं, 40 लाख रुपए (46,000 डॉलर) से ज्यादा कीमत वाली कारों पर टैक्स बढ़ाकर 28% करने का भी प्रस्ताव रखा। यानी सीधे 23% का इजाफा किया जा सकता है। पैनल ने यह कहते हुए कि ऐसे व्हीकल समाज के 'अपर सेगमेंट' के लिए हैं। ये घरेलू स्तर पर तैयार होने के बजाय बड़े पैमाने पर आयात किए जाते हैं। मोदी सरकार ने साथ ही 28% टैक्स रेट को पूरी तरह से खत्म करने का फैसला किया है, जिससे GST काउंसिल के पास इलेक्ट्रिक व्हीकल पर टैक्स बढ़ाकर 18% करने या उन्हें कुछ लग्जरी वस्तुओं के लिए बनाई गई नई नियोजित 40% कैटेगरी में रखने का ऑप्शन बचा है।
आज से शुरू होगी काउंसिल की बैठक
भारत की GST काउंसिल, जिसका नेतृत्व फेडरल फाइनेंस मिनिस्टर करते हैं और जिसमें सभी भारतीय राज्यों के सदस्य शामिल हैं। उनके प्रस्तावों की समीक्षा के लिए 3 से 4 सितंबर को बैठक कर रही है। अंतिम निर्णय लेने का अधिकार उनके पास रहेगा। GST परिषद के सचिवालय ने रॉयटर्स के सवालों का उत्तर नहीं दिया। रॉयटर्स की खबर का असर निफ्टी ऑटो इंडेक्स पर देखे को मिला। खबर के चलते वो निगेटिव हो गया और 0.5% तक गिर गया। स्थानीय व्हीकल निर्माता महिंद्रा एंड महिंद्रा में लगभग 3% और टाटा मोटर्स के शेयर्स में 1.2% की गिरावट आई।
भारत में तेजी से बढ़ रही EV की डिमांड
भारत का इलेक्ट्रिक व्हीकल बाजार छोटा है, जो इस साल अप्रैल से जुलाई तक बेची गई कुल कारों का लगभग 5% है। हालांकि, इस सेगमेंट में विकास तेजी से हो रहा है। इस अवधि के दौरान भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री 93% बढ़कर 15,500 यूनिट हो गई। टैक्स पैनल की सिफारिशों का विवरण देते हुए डॉक्युमेंट में कहा गया, "इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग बढ़ रही है और 5% की कम दर इलेक्ट्रिक व्हीकल को तेजी से अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए है। हालांकि, यह संकेत देना भी जरूरी है कि ज्यादा कीमत वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल पर ज्यादा टैक्स लगाया जा सकता है।"
टेस्ला की बिक्री पर भी होगा असर
यह प्रस्ताव महिंद्रा और टाटा मोटर्स जैसी घरेलू इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को प्रभावित कर सकता है। हालांकि 20 लाख रुपए से ऊपर की कीमत वाली उनकी पेशकश लिमिटेड ही हैं। हाई-एंड इलेक्ट्रिक व्रहीकल पेश करने वाली विदेशी व्हीकल मैन्युफैक्चरर को ज्यादा नुकसान होगा। टेस्ला ने हाल ही में भारत में अपना मॉडल Y 65,000 डॉलर की शुरुआती कीमत पर लॉन्च किया है। जबकि मर्सिडीज-बेंज, BMW और BYD भी टॉप-एंड लग्जरी इलेक्ट्रिक कारें पेश करती हैं।
जुलाई में टाटा मोटर्स लगभग 40% बाजार हिस्सेदारी के साथ भारतीय इलेक्ट्रिक कार बाजार में सबसे आगे रही। जबकि महिंद्रा के पास 18% हिस्सेदारी थी। BYD के पास 3% बाजार हिस्सेदारी है। जबकि मर्सिडीज और BMW की संयुक्त हिस्सेदारी 2% है। टेस्ला बुकिंग तो ले रही है, लेकिन अभी डिलीवरी शुरू नहीं हुई है। टेस्ला ने हाल के महीनों में भारत में दो शोरूम खोले हैं, जबकि एलन मस्क ने इम्पोर्टेड कारों पर लगभग 100% के हाई टैरिफ की बार-बार आलोचना की थी। इन टैरिफ के ऊपर GST कर लगाया जाता है, जिससे टेस्ला कारों की कीमतें और बढ़ जाती हैं।
(मंजू कुमारी)
