Electric Bike: नई इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर घर लाने से पहले जान लीजिए इसके फायदे और नुकसान

Electric Bike pros and cons details you-must know
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 इलेक्ट्रिक बाइक खरीदने का विचार कर रहे हैं, तो इसके फायदे और नुकसान दोनों जानना जरूरी है

Electric Bike: अगर आप शहर में रोजाना सफर करने के लिए एक किफायती और पर्यावरण-हितैषी विकल्प तलाश रहे हैं, तो इलेक्ट्रिक बाइक एक शानदार विकल्प है।

Electric Bike: पेट्रोल इंजन से चलने वाली मोटरसाइकिल की तुलना में इलेक्ट्रिक बाइक चलाने का अनुभव काफी अलग होता है। इलेक्ट्रिक बाइक न केवल तकनीक के लिहाज से आधुनिक हैं, बल्कि इनका संचालन भी एकदम शांत और स्मूथ होता है। अगर आप इलेक्ट्रिक बाइक खरीदने का विचार कर रहे हैं, तो इसके फायदे और नुकसान दोनों जानना जरूरी है। आइए विस्तार से समझते हैं —

इलेक्ट्रिक बाइक के फायदे

1. पेट्रोल का खर्च नहीं

पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के बीच इलेक्ट्रिक बाइक चलाने का सबसे बड़ा फायदा है — पेट्रोल पर निर्भरता खत्म। आप बिना पेट्रोल पंप रुके अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं, जिससे लंबी अवधि में काफी पैसे की बचत होती है।

2. बेहद स्मूथ और शांत राइडिंग

इलेक्ट्रिक बाइक में पारंपरिक इंजन नहीं होता, और इनमे घूमने वाले मैकेनिकल पार्ट्स बहुत कम होते हैं। नतीजतन, राइड बेहद स्मूथ और शोर-रहित होती है। व्यस्त ट्रैफिक में भी इलेक्ट्रिक बाइक चलाना एक शांतिपूर्ण अनुभव देता है।

3. कम रखरखाव लागत

पेट्रोल बाइक की तुलना में इलेक्ट्रिक बाइक में कम मूविंग पार्ट्स होते हैं। इसमें इंजन ऑयल, स्पार्क प्लग या फ्यूल फिल्टर जैसी चीज़ें नहीं होतीं। आपको सिर्फ टायर, ब्रेक, चेन और इलेक्ट्रिकल सिस्टम पर ध्यान देना होता है, जिससे मेंटेनेंस कॉस्ट काफी घट जाती है।

4. तुरंत मिलती है फुल पावर

इलेक्ट्रिक मोटर का एक बड़ा फायदा यह है कि यह थ्रॉटल घुमाते ही पीक टॉर्क देती है। यानी बाइक तुरंत रेस्पॉन्ड करती है और तेज़ी से आगे बढ़ती है। यह राइडिंग अनुभव ज्यादा रोमांचक और डायनामिक बनाता है।

5. आधुनिक फीचर्स की भरमार

इलेक्ट्रिक बाइक्स नए और स्मार्ट प्लेटफॉर्म पर बनाई जाती हैं। इनमें हिल होल्ड, रीजेनरेटिव ब्रेकिंग, स्मार्ट कनेक्टिविटी जैसे कई फीचर्स मिलते हैं, जो इन्हें और भी सुविधाजनक बनाते हैं।

इलेक्ट्रिक बाइक के नुकसान

1. कीमत ज्यादा होती है

इलेक्ट्रिक बाइक की शुरुआती कीमत पेट्रोल बाइकों से लगभग 20-30% ज्यादा होती है। यानी किफायती बजट में ये थोड़ा महंगी पड़ सकती हैं, जिससे कई खरीदार इससे दूरी बना लेते हैं।

2. रीसेल वैल्यू कम

इलेक्ट्रिक बाइक्स की रीसेल वैल्यू पेट्रोल बाइकों की तुलना में कम होती है। इसका मुख्य कारण है — बैटरी का समय के साथ कमजोर होना। नई बैटरी बदलना महंगा होता है, जिससे सेकंड-हैंड मार्केट में इनकी मांग घट जाती है।

3. सीमित ड्राइविंग रेंज

अधिकांश इलेक्ट्रिक बाइक्स की रेंज 150–200 किमी तक होती है, जो शहर के भीतर तो ठीक है, लेकिन लंबी यात्राओं के लिए सीमित पड़ जाती है। जबकि पेट्रोल बाइक एक फुल टैंक में 400–500 किमी तक चल सकती है।

4. चार्जिंग में ज्यादा समय

जहां पेट्रोल बाइक को कुछ मिनटों में रीफ्यूल किया जा सकता है, वहीं इलेक्ट्रिक बाइक को चार्ज करने में कम से कम 30 मिनट से कई घंटे तक लग सकते हैं। यह सुविधा की दृष्टि से थोड़ा असुविधाजनक है।

5. चार्जिंग स्टेशन की कमी

भारत में अब भी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह विकसित नहीं है। बड़े शहरों में कुछ फास्ट चार्जर जरूर हैं, लेकिन छोटे शहरों या हाइवे पर इनकी संख्या बहुत कम है। कई बार चार्जिंग स्टेशन काम न करने या भीड़भाड़ की वजह से भी परेशानी बढ़ाते हैं।

(मंजू कुमारी)

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