Bike Tips: कंफर्ट राइडिंग एक्सपीरियंस के लिए अपनाएं ये जरूरी उपाय, पढ़ें डिटेल

Bike Tips: मोटरसाइकल की सीट राइडिंग कंफर्ट का सबसे अहम हिस्सा होती है। भारत में लाखों लोग रोज़ाना छोटी दूरी तय करने के लिए बाइक का इस्तेमाल करते हैं, वहीं कई लोग लंबी यात्राओं के लिए भी मोटरसाइकल पर भरोसा करते हैं। ऐसे में सही सीट का चुनाव बेहद ज़रूरी हो जाता है। सीट का प्रकार इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस तरह की बाइक चलाते हैं, आपकी राइडिंग स्टाइल क्या है और आपकी यात्रा कितनी लंबी होती है। सीट की चौड़ाई, पैडिंग, मटीरियल, हाइट और एर्गोनॉमिक्स जैसे फैक्टर सीधे तौर पर राइडिंग कम्फर्ट को प्रभावित करते हैं। कई राइडर्स अतिरिक्त आराम के लिए सीट पर एक्स्ट्रा कुशनिंग का भी इस्तेमाल करते हैं। आइए जानते हैं सही सीट चुनने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
सीट का साइज और चौड़ाई
अगर सीट चौड़ी होगी तो राइडर की हिप्स और जांघों पर दबाव कम पड़ेगा। लंबी दूरी तय करने वाले राइडर्स, खासकर क्रूजर और एडवेंचर बाइक चलाने वाले, चौड़ी सीट को ज्यादा आरामदायक पाते हैं। हालांकि, सीट का आकार आपके शरीर के हिसाब से होना चाहिए। आजकल कस्टमाइज्ड सीट्स का भी चलन बढ़ रहा है। ध्यान रखें कि पैडिंग न तो बहुत ज्यादा नरम हो और न ही बहुत कठोर। सबसे बेहतर विकल्प मीडियम डेंसिटी फोम या जेल पैडिंग वाली सीटें होती हैं, जो लंबे समय तक कंफर्ट देती हैं।
मटीरियल की क्वालिटी
सीट का मटीरियल टिकाऊ और सांस लेने योग्य (Breathable) होना चाहिए। सिंथेटिक लेदर, विनाइल और हाई-क्वालिटी मटीरियल आजकल आमतौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं। सीट पर अच्छी ग्रिप होना भी ज़रूरी है ताकि अचानक ब्रेक लगने या तेज मोड़ पर फिसलने से बचा जा सके। साथ ही सीट की ऊंचाई ऐसी होनी चाहिए कि राइडर के दोनों पैर आसानी से ज़मीन तक पहुंचें, जिससे बाइक को कंट्रोल करना और रोकना आसान हो।
सिंगल बनाम स्प्लिट सीट
सिंगल सीट ज़्यादातर क्लासिक या क्रूजर बाइक्स में मिलती है। इसमें राइडर और पिलियन (पीछे बैठने वाला) के लिए एक ही सीट होती है, जो आमतौर पर चौड़ी और सिटी राइड के लिए आरामदायक होती है। दूसरी तरफ, स्प्लिट सीट्स मॉडर्न बाइक्स में ज्यादा देखने को मिलती हैं। इसमें राइडर और पिलियन के लिए अलग-अलग सीटें होती हैं, जो बेहतर सपोर्ट और आराम देती हैं, खासकर लंबी दूरी पर।
(मंजू कुमारी)
