Car Tips: कार की वॉर्निंग लाइट को न करें नज़रअंदाज, जानें इनसे मिलने वाले 10 सिग्नल

किसी दरवाजे बोनट या बूट के ठीक से बंद न होने पर यह लाइट जलती है
Car Tips: कार के डैशबोर्ड पर दिखाई देने वाली किसी भी वॉर्निंग लाइट को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। यदि कोई लाइट लगातार जल रही हो, तो तुरंत सर्विस टेक्नीशियन से जाँच करवाना ज़रूरी है। आधुनिक कारें सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के ज़रिए कई अहम जानकारियाँ देती हैं, लेकिन कई ड्राइवर तब तक इन संकेतों को अनदेखा करते रहते हैं जब तक कार बंद न हो जाए या महंगा रिपेयर बिल सामने न आ जाए। यहां भारतीय कारों में सबसे अधिक दिखाई देने वाली 10 कॉमन वॉर्निंग लाइट्स और उनके अर्थ बताए गए हैं।
1. इंजन चेक लाइट (Engine Check Light)
यह लाइट इंजन मैनेजमेंट सिस्टम में किसी भी तरह की गड़बड़ी का संकेत देती है। सेंसर के खराब होने, फ्यूल डिलीवरी में समस्या, इमीशन सिस्टम की दिक्कत या इग्निशन में खराबी की स्थिति में यह लाइट जल सकती है। अगर लाइट लगातार जल रही है, तो कार को सावधानी से सर्विस सेंटर तक ले जाना चाहिए, जबकि लाइट के फ्लैश होने पर गाड़ी तुरंत रोक देना ज़रूरी है, क्योंकि ऐसी स्थिति में इंजन को गंभीर नुकसान होने की आशंका होती है।
2. इंजन कूलेंट टेम्परेचर वॉर्निंग
जब इंजन का तापमान सामान्य सीमा से अधिक हो जाता है, यह चेतावनी दिखाई देती है। कूलेंट लीक, रेडिएटर फैन फेल होना, कम कूलेंट स्तर या भारी ट्रैफिक में ओवरहीटिंग इसके आम कारण हैं। इस लाइट को देखते ही कार रोकना ज़रूरी है, अन्यथा इंजन खराब हो सकता है।
3. बैटरी/चार्जिंग सिस्टम वॉर्निंग
यह लाइट केवल बैटरी नहीं, बल्कि पूरे चार्जिंग सिस्टम की खराबी दर्शाती है। अल्टरनेटर फेल होना, बेल्ट ढीली होना या बैटरी चार्ज न होना इसके सामान्य कारण हैं। एक बार यह लाइट जल जाए, तो कार सिर्फ उतनी देर चलेगी जितनी देर बैटरी में चार्ज बचा है।
4. एबीएस वॉर्निंग लाइट (ABS Warning Light)
एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम में खराबी होने पर यह लाइट दिखाई देती है। ब्रेक फेल नहीं होते, लेकिन ABS काम नहीं करता, जिससे अचानक ब्रेकिंग में नियंत्रण कम हो सकता है। अधिकतर मामलों में धूल, कीचड़ या पानी सेंसर में दिक्कत पैदा करते हैं।
5. टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (TPMS Warning)
टायर का प्रेशर कम होने पर यह चेतावनी जलती है। यह पंचर, मौसम में बदलाव या धीरे-धीरे प्रेशर कम होने की वजह से हो सकता है। इसे अनदेखा करने पर माइलेज खराब होता है, टायर जल्दी घिसते हैं और ब्लोआउट का खतरा बढ़ जाता है।
6. एयरबैग वॉर्निंग (Airbag Warning)
एयरबैग या सीटबेल्ट प्रीटेंशनर सिस्टम में समस्या होने पर यह लाइट दिखाई देती है। ढीले कनेक्टर, वायरिंग इश्यू या सेंसर खराब होना इसके आम कारण हैं। अगर यह लाइट ऑन है, तो एक्सीडेंट की स्थिति में एयरबैग नहीं खुल सकते—जो बेहद जोखिम भरा है।
7. डोर ओपन वॉर्निंग (Door Open Warning)
किसी दरवाजे, बोनट या बूट के ठीक से बंद न होने पर यह लाइट जलती है। लैच सेंसर इस चेतावनी को सक्रिय करते हैं। इस स्थिति में गाड़ी चलाना सुरक्षित नहीं है, खासकर तेज गति पर।
8. लो फ्यूल वॉर्निंग (Low Fuel Warning)
जब ईंधन टैंक रिज़र्व में पहुँच जाता है, यह लाइट जलती है। आमतौर पर इस समय टैंक में 5–10 लीटर ईंधन बचा होता है। बार-बार टैंक खाली होने तक कार चलाने से फ्यूल पंप खराब हो सकता है और टैंक के तल की गंदगी सिस्टम में चली जाती है।
9. ट्रैक्शन कंट्रोल वॉर्निंग (Traction Control Warning)
पहियों के फिसलने पर सिस्टम सक्रिय होता है और यह लाइट दिखती है। बारिश, कीचड़, कंकड़ या फिसलन भरी सड़कों पर यह सामान्य है। लेकिन यदि यह लाइट लगातार जलती रहे, तो सिस्टम में खराबी संभव है।
10. पावर स्टीयरिंग वॉर्निंग (Power Steering Warning)
यह चेतावनी स्टीयरिंग सिस्टम में समस्या की ओर इशारा करती है—चाहे इलेक्ट्रिक हो या हाइड्रोलिक। ऐसे में स्टीयरिंग भारी हो जाता है, खासकर लो-स्पीड ड्राइविंग और पार्किंग के समय। हाइड्रोलिक सिस्टम में कम फ्लूइड, खराब सेंसर या मोटर कंट्रोलर फेल होना इसके मुख्य कारण हैं।
(मंजू कुमारी)
