BaaS: 'बैटरी-एज़-ए-सर्विस' इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को दे रहा गति, जानें क्या हैं चुनौतियां?

बैटरी-एज़-ए-सर्विस इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को दे रहा गति, जानें क्या हैं चुनौतियां?
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बैटरी-एज़-ए-सर्विस एक स्मार्ट समाधान

सस्टेनेबल भविष्य की ओर बैटरी-एज़-ए-सर्विस मॉडल इलेक्ट्रिक व्हीकल को एनर्जी देने के साथ-साथ एक स्वच्छ, टिकाऊ और भरोसेमंद भविष्य की ओर भारत को आगे बढ़ा रहा है।

BaaS: भारत की परिवहन प्रणाली अब एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है। आज हमारे शहरों में लाखों दोपहिया वाहन और डिलीवरी बाइक रोज़ाना सड़कों पर दौड़ रही हैं, जो हमारे जीवन को तेज़, आसान और अधिक सुविधाजनक बना रही हैं। चाहे ये छोटे स्तर पर काम करने वाले डिलीवरी पार्टनर हों या बड़ी लॉजिस्टिक्स कंपनियां — ये सभी भारत की आर्थिक गतिविधियों की रीढ़ हैं। अब जब देश स्वच्छ और पर्यावरण-हितैषी परिवहन की दिशा में आगे बढ़ रहा है, तो सबसे बड़ा सवाल यही है — इस परिवर्तन को आसान और किफायती तरीके से कैसे अपनाया जाए?

बैटरी-एज़-ए-सर्विस (BaaS): एक स्मार्ट समाधान

इस सवाल का जवाब “बैटरी-एज़-ए-सर्विस” (Battery-as-a-Service) मॉडल के रूप में सामने आया है। इस मॉडल में बैटरी का स्वामित्व वाहन से अलग कर दिया जाता है। यानी अब वाहन मालिकों को बैटरी खरीदने की जरूरत नहीं होती। वे किसी भी स्वैपिंग स्टेशन पर जाकर अपनी डिस्चार्ज बैटरी को तुरंत एक फुली चार्ज बैटरी से बदल सकते हैं — बस कुछ ही मिनटों में। यह प्रक्रिया उतनी ही सरल है जितनी पेट्रोल पंप पर ईंधन भरवाना, लेकिन इससे कहीं ज्यादा स्वच्छ और सुविधाजनक।

बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क का विस्तार

भारत में कई अग्रणी कंपनियां इस तकनीक को तेजी से आगे बढ़ा रही हैं। ये कंपनियां बड़े पैमाने पर बैटरी स्वैपिंग और एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर का नेटवर्क तैयार कर रही हैं, जो हर दिन हजारों दोपहिया वाहनों और डिलीवरी पार्टनर्स को ऊर्जा उपलब्ध कराता है। इसका परिणाम है — लगातार काम करने की सुविधा, बिना किसी डाउनटाइम के। इन कंपनियों का लक्ष्य है कि राइडर्स और फ्लीट ऑपरेटर्स को हर समय पूरी तरह चार्ज बैटरी उपलब्ध हो, ताकि वे किसी भी समय, किसी भी स्थान पर निर्बाध रूप से अपनी यात्रा जारी रख सकें।

युमा एनर्जी के रेवेन्यू एंड ऑपरेशंस हेड दीपक ननवानी ने कहा कि “स्वच्छ मोबिलिटी की असली कसौटी केवल रेंज या स्पीड नहीं, बल्कि विश्वसनीयता है। युमा में हमारा मिशन यह सुनिश्चित करना है कि हर राइडर, हर फ्लीट और हर डिलीवरी पार्टनर को जहां भी जाएं, एक चार्ज बैटरी हमेशा तैयार मिले।”

भारत में ईवी क्रांति की दिशा

जैसे-जैसे भारत के छोटे और मझोले शहरों में इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता बढ़ रही है, इस क्रांति की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि हम चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग को पेट्रोल पंप जितना आसान और भरोसेमंद बना पाते हैं या नहीं।

(मंजू कुमारी)

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