Used Car: क्या सेकंड-हैंड गाड़ी खरीद रहे हैं? डील डन करने से पहले जरूर जांचें 3 दस्तावेज

पुरानी कार लेने से पहले उसकी नंबर प्लेट की सही जानकारी निकालना जरूरी है।
Used Car: भारत में सेकंड-हैंड गाड़ियों की बिक्री काफी बड़े पैमाने पर होती है। लोग पुरानी गाड़ी खरीदते समय आमतौर पर उसकी उम्र, कितने किलोमीटर चली है, गाड़ी की कंडीशन और दुर्घटना का इतिहास जैसी बातें जरूर देखते हैं। इंजन से लेकर बूट तक गाड़ी की जांच भी की जाती है। लेकिन कई बार खरीदार कुछ अहम दस्तावेज़ और औपचारिकताओं पर ध्यान नहीं देते, जिसका खामियाजा बाद में भुगतना पड़ सकता है। यहां हम माइलेज या परफॉर्मेंस की नहीं, बल्कि उन जरूरी दस्तावेज़ों की बात कर रहे हैं जिनकी जांच सेकंड-हैंड वाहन खरीदते समय बेहद जरूरी है।
1. नंबर प्लेट की जांच
पुरानी कार लेने से पहले उसकी नंबर प्लेट की सही जानकारी निकालना जरूरी है। कई बार अपराधों में शामिल गाड़ियां कम दाम पर बेच दी जाती हैं और बाद में नए मालिक तक पुलिस की कार्रवाई पहुंच जाती है। ऐसे मामलों से बचने के लिए गाड़ी का नंबर क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग पोर्टल (लिंक) पर जरूर जांचें। इससे पता चल जाएगा कि वाहन पर कोई आपराधिक मामला दर्ज है या नहीं।
2. चालान की जांच
अक्सर ट्रैफिक नियम तोड़ने पर भारी चालान कट जाते हैं। कई बार गाड़ी मालिक चालान भरे बिना ही वाहन बेच देता है। ध्यान रहे कि एक बार गाड़ी आपके नाम ट्रांसफर हो गई तो बकाया चालान आपको भरना पड़ेगा। इसलिए वाहन खरीदने से पहले ई-चालान पोर्टल पर जाकर जांच लें कि गाड़ी पर कोई बकाया तो नहीं है। अगर चालान पेंडिंग है तो पहले मालिक से उसे क्लियर करवाएं।
3. RC और NOC की जांच
गाड़ी खरीदने से पहले रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) जरूर देखें। इसमें वाहन की पूरी जानकारी मिलती है। अगर गाड़ी फाइनेंस पर है, तो RC पर बैंक या लेंडर का नाम दर्ज होगा। ऐसे में मालिक से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जरूर मांगें। केवल NOC देने से बात खत्म नहीं होती, RC से बैंक का नाम हटाना भी जरूरी है। अगर गाड़ी पर लोन की EMI अभी बाकी है और आपने वाहन खरीद लिया, तो किस्त भरने की जिम्मेदारी आपके ऊपर आ जाएगी।
सेकंड-हैंड गाड़ी खरीदने से पहले केवल उसकी कंडीशन नहीं, बल्कि नंबर प्लेट, चालान, RC और NOC की जांच भी उतनी ही जरूरी है।
(मंजू कुमारी)
