Safety Rating: नई कारों पर जरूरी हो 'सेफ्टी लेबल', ग्लोबल NCAP और लैटिन NCAP की मांग तेज

नई कारों पर जरूरी हो सेफ्टी लेबल, ग्लोबल NCAP और लैटिन NCAP की मांग तेज
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Safety Rating: ग्लोबल NCAP एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो दुनियाभर में बिकने वाली नई कारों की क्रैश टेस्टिंग के जरिए उनकी सुरक्षा का असेसमेंट करती है। लेबलिंग से ग्राहक तुरंत जान पाते हैं कि कौन-सी कार कितनी सुरक्षित है।

Safety Rating: अगर ग्राहक को कार खरीदते समय उसकी सुरक्षा रेटिंग की स्पष्ट जानकारी मिल जाए, तो न केवल वे बेहतर विकल्प चुन सकते हैं, बल्कि वाहन निर्माता कंपनियों पर भी सुरक्षित गाड़ियां बनाने का दबाव बढ़ेगा। इसी सोच के साथ इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट फोरम (ITF) समिट में ग्लोबल NCAP और लैटिन NCAP ने एक संयुक्त रिपोर्ट जारी की है। इसमें दुनियाभर की सरकारों से अपील की गई है कि वे हर नई कार पर सेफ्टी रेटिंग वाला लेबल अनिवार्य करें — ठीक वैसे ही जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर एनर्जी रेटिंग या खाद्य पदार्थों पर न्यूट्रिशन लेबल होते हैं।

क्या है Global NCAP और Latin NCAP?

ग्लोबल NCAP (New Car Assessment Programme) एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो दुनियाभर में बिकने वाली नई कारों की क्रैश टेस्टिंग के जरिए उनकी सुरक्षा का असेसमेंट करती है। यह खासकर उन देशों में सक्रिय रहती है, जहां कार सेफ्टी के सख्त नियम नहीं हैं। Latin NCAP, लैटिन अमेरिका और कैरेबियन देशों में कार सुरक्षा पर केंद्रित एक क्षेत्रीय संस्था है। दोनों का मकसद है—सड़क पर चलने वाले वाहनों को अधिक सुरक्षित बनाना।

ग्राहक को मिलेगी सही सेफ्टी डिटेल

जब ग्राहक शोरूम में गाड़ी खरीदने जाते हैं, तो उन्हें सुरक्षा फीचर्स के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिलती। अगर NCAP जैसे संस्थानों द्वारा दिए गए स्टार-रेटिंग लेबल सभी कारों पर लगाए जाएं, तो ग्राहक तुरंत जान सकेंगे कि कौन-सी कार कितनी सुरक्षित है। इससे ग्राहक सही निर्णय ले पाएंगे और कंपनियां भी सुरक्षा को प्राथमिकता देंगी। यह लेबलिंग सिर्फ प्रीमियम गाड़ियों तक सीमित नहीं होगी, बल्कि हर सेगमेंट की कारों पर अनिवार्य रूप से लागू की जाएगी। इससे कम सुरक्षित गाड़ियां भी जवाबदेही के दायरे में आएंगी।

कारों की संख्या बढ़ी, सुरक्षा पीछे छूटी

वर्ष 2000 से अब तक दुनिया में 2 अरब से अधिक कारें बन चुकी हैं। लेकिन इनमें से कई में अभी भी बुनियादी सेफ्टी फीचर्स मौजूद नहीं हैं। इसी वजह से सड़क हादसों में मौतों और गंभीर चोटों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है, खासकर विकासशील देशों में।

सरकारों की जिम्मेदारी

रिपोर्ट में कहा गया है कि जब सेफ्टी लेबलिंग जैसी पहल को सरकारी सहयोग मिलता है, तो उसका असर अधिक होता है। ऐसे में सड़क परिवहन मंत्रालय जैसे विभागों को आगे आकर इस पहल को अपनाना चाहिए। लेबलिंग को सस्ता और प्रभावी बनाने के लिए इसमें एक जैसा डिजाइन, जानकारी देने वाले ब्रोशर और वेबसाइट, और फ्यूल एफिशिएंसी लेबलिंग से जोड़ने का सुझाव दिया गया है। जहां NCAP पहले से मौजूद है, वहां उसकी स्टार रेटिंग को लेबलिंग का आधार बनाया जा सकता है और जिन देशों में लेबलिंग अभी वैकल्पिक है, वहां इसे जल्द से जल्द अनिवार्य करने की जरूरत है।

एक असरदार और कम लागत वाला उपाय

सड़क दुर्घटनाएं आज भी वैश्विक स्तर पर मृत्यु और गंभीर चोटों का एक बड़ा कारण हैं। ग्लोबल NCAP और लैटिन NCAP का मानना है कि सेफ्टी लेबलिंग एक बेहद कम लागत लेकिन असरदार समाधान है, जो न सिर्फ उपभोक्ताओं को जागरूक करेगा बल्कि उद्योग को भी सुरक्षित बनाने की दिशा में प्रेरित करेगा।

क्या बोले अधिकारी?

ग्लोबल NCAP के सीईओ रिचर्ड वुड्स ने कहा कि यह पहल ग्राहकों को सशक्त बनाएगी और मैन्युफैक्चरर्स को जवाबदेह बनाएगी। अनिवार्य सेफ्टी लेबलिंग से ग्राहक समझदारी से फैसला ले सकेंगे। लैटिन NCAP के महासचिव अलेजांद्रो फुरास कहते हैं कि सेफ्टी लेबल सीधे ग्राहक की पसंद को प्रभावित करता है। हम आशा करते हैं कि यह रिपोर्ट उन सरकारों के लिए मददगार होगी, जो अभी तक इस दिशा में कदम नहीं उठा सकी हैं।

(मंजू कुमारी)

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