PM E-Drive Scheme: ईवी इंफ्रा बढ़ाने के लिए आई खास स्कीम, देशभर में बनेंगे 72 हजार चार्जिंग स्टेशन

ईवी इंफ्रा बढ़ाने के लिए आई खास स्कीम, देशभर में बनेंगे 72 हजार चार्जिंग स्टेशन
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PM E-Drive Scheme: ईवी क्रांति के बीच देश में चार्जिंग स्टेशन स्कीम सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इससे ईवी मालिकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही उद्योग, रोजगार और पर्यावरण के क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

PM E-Drive Scheme: भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) की बढ़ती संख्या के मद्देनजर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजूबती देने के लिए देशभर में 72 हजार नए चार्जिंग स्टेशन सेटअप करने की योजना है। इसे प्रधानमंत्री ई-ड्राइव स्कीम के अंतर्गत जमीन पर उतारा जाएगा और देशभर में लगभग ₹2,000 करोड़ का निवेश होगा। इसका उद्देश्य भारत में सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेपलप करना है और देश को ईवी अपनाने में वैश्विक अग्रणी बनाना है।

चार्जिंग नेटवर्क को मिलेगा बूस्ट

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी की अगुवाई में केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों– पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सड़क परिवहन और भारी उद्योग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक समन्वय बैठक हुई। इसमें चार्जिंग स्टेशनों को जल्द से जल्द सेटअप करने पर चर्चा हुई।

कहां बनाए जाएंगे चार्जिंग स्टेशन?

चार्जिंग पॉइंट्स की योजना को विशेष रूप से उन प्रमुख क्षेत्रों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, जहां इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की डिमांड ज्यादा और आवाजाही होती है। इसमें 50 राष्ट्रीय राजमार्ग कॉरिडोर, मेट्रो शहर, टोल प्लाजा और प्रमुख फ्यूल आउटलेट, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे, नेशनल हाईवे और हैवी ट्रैफिक ज़ोन शामिल हैं। इस व्यापक कवरेज से यह सुनिश्चित होगा कि EV मालिकों को हर क्षेत्र में सुविधाजनक चार्जिंग ऑप्शन मिले, ताकि चार्जिंग से जुड़ी उनकी चिंता कम हो और ईवी अपनाने की रफ्तार बढ़े।

BHEL बन सकती है मुख्य एजेंसी

इस योजना के क्रियान्वयन के लिए भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) को नोडल एजेंसी नियुक्त करने पर विचार किया जा रहा है। BHEL न केवल डिमांड एग्रीगेशन का काम करेगी, बल्कि एक डिजिटल सुपर एप भी विकसित करेगी। इस ऐप से यूजर स्लॉट बुकिंग, चार्जर की स्थिति जांचना और डिजिटल भुगतान जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।

आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ

मंत्री कुमारस्वामी के मुताबिक, यह पहल केवल तकनीकी प्रगति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक समन्वित प्रयास है जो देश के ऊर्जा भविष्य को स्थायी और सुरक्षित बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है। इस योजना से न केवल ग्रीन जॉब्स के नए अवसर मिलेंगे, बल्कि घरेलू इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करने और पर्यावरण संरक्षण को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाएगी।

योजना का उद्देश्य क्या है?

इस योजना का उद्देश्य भारत को एक स्वच्छ और आत्मनिर्भर परिवहन प्रणाली की ओर ले जाना है। इसके तहत फॉसिल फ्यूल पर देश की निर्भरता को कम करना, परिवहन क्षेत्र से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करना, घरेलू स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण को प्रोत्साहित करना और पूरे देश में EV के अनुकूल एक मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करना शामिल है। ये सभी प्रयास मिलकर भारत को हरित और टिकाऊ विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ाएंगे।

(मंजू कुमारी)

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