Green Skill: युवाओं को ग्रीन एनर्जी और EV सेक्टर के लिए तैयार करेगी सरकार, लॉन्च किया ट्रेनिंग प्रोग्राम

Green Skill: कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) ने प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGT) ने शेल इंडिया की मदद से एक नया ट्रेनिंग प्रोग्राम लॉन्च किया है। इसका उद्देश्य देशभर के युवाओं को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) और ग्रीन एनर्जी सेक्टर के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करना है। साथ ही शिक्षकों को ग्रीन एनर्जी व ई-मोबिलिटी से जुड़े भविष्य के अवसरों के लिए तैयार किया जाएगा। यह पहल ऐसे समय में की गई है जब भारत सरकार नेट-जीरो लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए ग्रीन एनर्जी और ईवी को तेजी से अपनाने पर जोर दे रही है।
शेल इंडिया के साथ रणनीतिक साझेदारी
MSDE के शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने कहा कि यह साझेदारी, “कौशल को सस्टेनेबिलिटी से जोड़ने की हमारी प्रतिबद्धता” को दर्शाती है। उनके अनुसार, ग्रीन एनर्जी और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी केवल पर्यावरण से जुड़ी प्राथमिकताएं नहीं हैं, बल्कि ये भारत के लिए इनोवेशन, टैलेंट और उद्यम के माध्यम से नेतृत्व करने का अवसर भी हैं।
भविष्य के लिए तैयार वर्कफोर्स
मंत्री चौधरी ने कहा कि यह पहल एक ऐसे वर्कफोर्स को विकसित करने का हिस्सा है जो न केवल जॉब रेडी हो, बल्कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भी तैयार हो। भारत के युवा इस स्किलिंग कार्यक्रम के माध्यम से ग्लोबल ग्रीन इकोनॉमी में अग्रणी भूमिका निभाने में सक्षम होंगे।
किन शहरों में शुरू होगा कार्यक्रम
ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत दिल्ली-NCR, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक के चुनिंदा राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (NSTI) और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) में की जाएगी। ट्रेनिंग एक मल्टी-टियर मॉडल के तहत दी जाएगी।
ट्रेनिंग के तीन प्रमुख स्तर
240 घंटे का एडवांस्ड EV टेक्नीशियन कोर्स – चार NSTI में
90 घंटे का जॉब-ओरिएंटेड EV स्किल कोर्स – शेल समर्थित लैब्स वाले 12 ITI में
50 घंटे का फाउंडेशनल ग्रीन स्किल मॉड्यूल – अन्य ITI में, जहां फिजिकल लैब्स नहीं हैं
ट्रेनर और सर्टिफिकेशन
इस पहल में 250 से अधिक प्रशिक्षकों के लिए "ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स" (ToT) कार्यक्रम शामिल है। इसके अलावा, प्रतिभागियों को शेल और DGT द्वारा को-ब्रांडेड सर्टिफिकेशन भी मिलेगा। प्लेसमेंट सपोर्ट के लिए भी एक संगठित ढांचा तैयार किया गया है।
(मंजू कुमारी)
