AMT Cars: ऑटोमैटिक कार से पहाड़ी रास्तों पर करना चाहते हैं ड्राइव? बड़े काम आएंगे ये टिप्स

ऑटोमैटिक कार से पहाड़ी रास्तों पर करना चाहते हैं ड्राइव? बड़े काम आएंगे ये टिप्स
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AMT Cars: ज्यादातर कार चालकों को लगता है कि पहाड़ी रास्तों पर AMT ट्रांसमिशन उतना भरोसेमंद नहीं होता, क्योंकि उसमें ड्राइवर का कंट्रोल सीमित हो जाता है। लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है।

AMT Cars: पुरानी पीढ़ी के ड्राइविंग शौकीनों को आज भी मैनुअल कारें पसंद आती हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे गाड़ी पर बेहतर नियंत्रण बना रहता है। लेकिन नई जनरेशन के लिए ऑटोमैटिक कारें ज्यादा सुविधाजनक और लोकप्रिय हो गई हैं। खासकर शहरों के ट्रैफिक में, जहां बार-बार क्लच दबाना और गियर बदलना झंझट बन जाता है। आज के समय में ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन की कई तकनीकें बाजार में उपलब्ध हैं, जिनमें एक अहम नाम है – AMT (ऑटोमेटेड मैनुअल ट्रांसमिशन)।

AMT कार क्यों होती है फायदेमंद?

AMT कारें उन लोगों के लिए बेहतरीन साबित होती हैं, जो रोजाना ट्रैफिक में थकाऊ ड्राइविंग से परेशान हो चुके हैं। यह तकनीक मैनुअल गियरबॉक्स की तरह काम करती है, लेकिन क्लच और गियर बदलने की जिम्मेदारी कार के सिस्टम पर होती है। मतलब—मैनुअल का नियंत्रण और ऑटोमैटिक का आराम, दोनों एक साथ मिलते हैं।

क्या AMT कारें पहाड़ों पर भरोसेमंद हैं?

कई ड्राइवरों को लगता है कि पहाड़ी रास्तों पर AMT ट्रांसमिशन उतना भरोसेमंद नहीं होता, क्योंकि उसमें ड्राइवर का कंट्रोल सीमित हो जाता है। लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है। सही तकनीक और सावधानी से AMT कार को पहाड़ों पर भी सुरक्षित और आरामदायक तरीके से चलाया जा सकता है। अगर आप भी अपनी AMT कार से पहाड़ी सफर की योजना बना रहे हैं, तो नीचे दिए गए सुझाव आपके काम आएंगे...

1. मैनुअल मोड का करें इस्तेमाल

AMT कारों में अक्सर मैनुअल मोड (M) का विकल्प होता है। खासकर चढ़ाई या उतराई पर यह बहुत मददगार होता है। चढ़ते वक्त आप खुद गियर कंट्रोल कर सकते हैं, जिससे पावर की सप्लाई बेहतर बनी रहती है। उतरते समय मैनुअल मोड और भी जरूरी हो जाता है। सिर्फ ब्रेक पर निर्भर रहने से ब्रेक गर्म हो सकते हैं और फेल होने का खतरा होता है। ऐसे में गियर डाउन कर इंजन ब्रेकिंग का सहारा लें। इससे ब्रेक पर लोड कम पड़ेगा और गाड़ी सुरक्षित तरीके से उतरेगी।

2. क्रीप फंक्शन का लाभ उठाएं

AMT कारों में अक्सर क्रीप फंक्शन मिलता है, जिसमें ब्रेक छोड़ते ही गाड़ी बिना एक्सीलरेटर दबाए धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगती है। ये फीचर न सिर्फ ट्रैफिक में मदद करता है, बल्कि पहाड़ों पर भी कार को पीछे लुढ़कने से रोकता है। हालांकि, हिल होल्ड कंट्रोल (HHC) जैसी सुविधा हर AMT में नहीं होती, लेकिन क्रीप फंक्शन एक बड़ी राहत है।

3. पार्किंग ब्रेक का करें सही इस्तेमाल

चूंकि AMT कारों में पारंपरिक ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन की तरह 'P' मोड नहीं होता, इसलिए पहाड़ों पर कार पार्क करते समय पार्किंग ब्रेक लगाना जरूरी है। यदि रास्ता बहुत ढलान वाला हो, तो अतिरिक्त सुरक्षा के लिए कार के पहियों के पीछे पत्थर या लकड़ी का टुकड़ा रख सकते हैं ताकि गाड़ी फिसले नहीं।

4. धीमी लेकिन स्थिर गति बनाए रखें

हिल ड्राइविंग का पहला नियम है – धीरे लेकिन लगातार चलें। पहाड़ों की सड़कें संकरी, घुमावदार और कई बार अंधे मोड़ों से भरी होती हैं। अचानक एक्सीलरेशन या हार्ड ब्रेकिंग से हादसे का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए स्पीड पर कंट्रोल रखें, स्मूद ड्राइविंग करें और जरूरत पड़ने पर जल्दी गियर शिफ्ट करें ताकि कार की बैलेंस बनी रहे।

AMT कारें केवल शहरों के लिए नहीं, बल्कि पहाड़ी रास्तों पर भी पूरी तरह सक्षम हैं– बस आपको उन्हें सही तरीके से चलाना आना चाहिए। इन सुझावों को अपनाकर आरामदायक और सुरक्षित सफर के साथ पहाड़ों की खूबसूरती का आनंद लिया जा सकता है।

(मंजू कुमारी)

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