Car Sales Report: देश में सीएनजी कारों की बिक्री का नया रिकॉर्ड, पहली बार डीजल गाड़ियों को पछाड़ा

देश में सीएनजी कारों की बिक्री का नया रिकॉर्ड, पहली बार डीजल गाड़ियों को पछाड़ा
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Car Sales Report: केंद्र सरकार ने देशभर में CNG व्हीकल्स को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी नीतियों और बुनियादी ढांचे में तेजी से बदलाव किया है। पिछले 10 वर्षों में भारत में CNG स्टेशनों की संख्या 20 गुना बढ़ी है।

Car Sales Report: देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बढ़ती लोकप्रियता के बीच CNG कारों ने भी दमदार मौजूदगी दर्ज की है। पहली बार ऐसा हुआ कि सीएनजी गाड़ियों की बिक्री ने डीजल कारों को पीछे छोड़ दिया। VAHAN पोर्टल का लेटेस्ट डेटा इसकी पुष्टि करता है कि वित्त वर्ष 2025 में CNG कारों की डिमांड ने एक नया मुकाम छू लिया है। मौजूदा आंकड़े और रुझान साफ दिखाते हैं कि भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर पारंपरिक ईंधनों से आगे बढ़कर वैकल्पिक और ग्रीन एनर्जी ऑप्शंस की ओर तेजी से अग्रसर है।

FY25 में कितनी बिकीं CNG कारें?

आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में देशभर में 7,87,724 यूनिट CNG कारों की बिक्री हुई, जबकि डीजल कारों की बिक्री 7,36,508 यूनिट पर सिमट गई। यह पहली बार है जब डीजल सेगमेंट को CNG वाहनों ने पीछे छोड़ा है। इसका बड़ा कारण है नई तकनीक और कंपनियों की CNG उत्पादों पर बढ़ती फोकस।

ट्विन सिलेंडर टेक्नोलॉजी गेम चेंजर

CNG कारों की लोकप्रियता में बड़ा बदलाव उस वक्त आया, जब Tata Motors और Hyundai जैसी कंपनियों ने ट्विन सिलेंडर तकनीक पेश की। इस टेक्नोलॉजी के जरिए CNG कारों में अब पर्याप्त बूट स्पेस मिलने लगा है, जो पहले पारंपरिक सिलेंडर की वजह से प्रभावित होता था। इससे न केवल उपयोगिता बढ़ी है, बल्कि उपभोक्ताओं का भरोसा भी मजबूत हुआ है।

बाकी सेगमेंट की क्या है स्थिति?

सीएनजी कारों की बिक्री में 35% की जबरदस्त बढ़त देखी गई, जबकि डीजल कारों की बिक्री में सिर्फ 5% का इजाफा हुआ। इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों की मांग में भी 15% की वृद्धि दर्ज की गई। वहीं, पेट्रोल कारों की बिक्री में गिरावट देखी गई, जो साफ संकेत देता है कि ग्राहक अब ज्यादा किफायती और स्वच्छ ईंधन विकल्पों की तलाश में हैं।

CNG रेस में अब और कंपनियां

Tata Motors, Maruti Suzuki और Hyundai जैसे ब्रांड पहले से ही CNG सेगमेंट में मजबूत स्थिति में हैं। अब Renault, Nissan और Toyota भी इस मैदान में उतर चुकी हैं और अपने CNG मॉडल्स को बाजार में पेश कर रही हैं। इससे प्रतिस्पर्धा और विकल्प दोनों ही बढ़े हैं।

सरकारी नीतियों का भी असर

CNG व्हीकल्स की मांग में उछाल का बड़ा कारण सरकारी नीति और बुनियादी ढांचे में तेजी से हुआ विस्तार है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में देश में CNG स्टेशनों की संख्या में 20 गुना इजाफा हुआ है। सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक 7 हजार 400 सीएनजी स्टेशन स्थापित किए जाएं और 2030 तक यह आंकड़ा 17 हजार 500 तक पहुंचाया जाए।

CNG अब सिर्फ कम लागत वाला ऑप्शन ही नहीं रह गया है, बल्कि यह पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार और यूज़र-फ्रेंडली ईंधन समाधान बनता जा रहा है।

(मंजू कुमारी)

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