10 September 2025 Ka Panchang: यहां जानें आज का पंचांग, शुभ मुहूर्त, शुभ योग; नक्षत्र और राहुकाल

Aaj Ka dainik Panchang
X
10 September 2025 Ka Panchang: यहां पढ़ें बुधवार (10 सितंबर 2025) अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि का पंचांग, शुभ मुहूर्त, शुभ योग; नक्षत्र और राहुकाल।

10 September 2025 Ka Panchang: हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 10 सितंबर 2025, बुधवार को अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। यह दिन धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है, क्योंकि बुधवार को पंचांग के अनुसार एक साथ दो महत्वपूर्ण पर्व और अनुष्ठान पड़ रहे हैं। श्राद्ध पक्ष का तीसरा और चौथा श्राद्ध, इसके साथ ही संकष्टी चतुर्थी व्रत। इस दिन दोपहर 3 बजकर 39 मिनट तक तृतीया तिथि रहेगी और उसके बाद चतुर्थी तिथि का आरंभ हो जाएगा, जिसके चलते दो श्राद्ध और चतुर्थी व्रत एक साथ मनाए जाएंगे। यहां जानें ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मनीष गौतम जी महाराज से आज के दिन का पंचांग और शुभ-अशुभ समय।

श्राद्ध का शुभ मुहूर्त

कुतुप मुहूर्त: 11:53 AM से 12:43 PM

रौहिण मुहूर्त: 12:43 PM से 1:33 PM

अपराह्न काल: 1:33 PM से 4:02 PM

श्राद्ध के लिए ये सभी समय अत्यंत शुभ माने जाते हैं।

संकष्टी चतुर्थी व्रत और चंद्रोदय का समय

संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित व्रत है जो चतुर्थी तिथि के दौरान रखा जाता है। इस दिन व्रती गणपति बप्पा की पूजा के साथ रात को चंद्रमा के दर्शन कर व्रत का पारण करते हैं।

चतुर्थी तिथि आरंभ: 10 सितंबर, दोपहर 3:37 बजे

चतुर्थी तिथि समाप्त: 11 सितंबर, दोपहर 12:45 बजे

चंद्रोदय का समय: रात 8:06 बजे

इस समय के बाद व्रत रखने वाले श्रद्धालु चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण कर सकते हैं।

शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त: 4:31 AM- 5:18 AM

विजय मुहूर्त: 2:23 PM- 3:12 PM

गोधूलि मुहूर्त: 6:32 PM- 6:55 PM

सायाह्न संध्या: 6:32 PM- 7:41 PM

अमृत काल: 1:51 PM- 3:19 PM

निशिता काल: 11:55 PM- 12:41 AM (11 सितंबर)

अशुभ काल और योग

राहुकाल: 12:18 PM- 1:51 PM

यमगंड: 7:37 AM- 9:11 AM

गुलिक काल: 10:44 AM- 12:18 PM

दुर्मुहूर्त: 11:53 AM- 12:43 PM

गण्ड मूल: पूरे दिन

भद्रा काल: सुबह 6:04 AM- दोपहर 3:37 PM

बाण चोर योग: रात 10:01 PM से संपूर्ण रात्रि तक

पंचक समाप्ति: शाम 4:03 PM

आज का दिन दो धार्मिक पर्व एक साथ पड़ने के कारण पूजा और व्रत की विशेष महत्ता है। जिन लोगों ने पितृपक्ष में तीसरे या चौथे दिन श्राद्ध करना है, वे इस दिन विधिपूर्वक पिंडदान और तर्पण कर सकते हैं। संकष्टी चतुर्थी पर व्रत रखने वाले भक्तों को पूरे दिन उपवास रखकर, गणेश जी की पूजा करनी चाहिए और रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण करना चाहिए। यदि आप संकष्टी व्रत रख रहे हैं या पितरों के लिए श्राद्ध करना चाहते हैं, तो पंचांग में दिए गए शुभ मुहूर्त का पालन अवश्य करें।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story