नीतिगत दरों में कटौती का सही समय, दहाई अंक की वृद्धि दर संभव: अरुण जेटली

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By - haribhoomi.com |23 May 2015 12:00 AM
अरूण जेटली ने कहा यदि निर्णय शीघ्रता से किए जाएं तो भारत में दहाई अंक की वृद्धि दर हासिल करने की संभावना है।
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नई दिल्ली. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि मुद्रास्फीति में नरमी तथा औद्योगिक वृद्धि कमजोर होने के मद्देनजर रिजर्व बैंक के लिए यह नीतिगत दर में कटौती का उपयुक्त समय है। यह पूछे जाने पर कि क्या रिजर्व बैंक के लिए नीतिगत दर में कटौती को लेकर उपयुक्त समय है, जेटली ने इसका सकारात्मक जवाब दिया।सरकार का कार्यकाल एक साल पूरा होने से ठीक पहले संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, मेरा विचार सबको पता है। यह (उपयुक्त समय) है। नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राजग सरकार का गठन पिछले साल 26 मई को हुआ था।
रिर्जव बैंक 2 जून को मौद्रिक नीति की घोषणा करने वाला है। केंद्रीय बैंक इस साल दो बार नीतिगत दर में कटौती कर चुका है लेकिन सात अप्रैल को चालू वित्त वर्ष की पहली द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में उसने नीतिगत दर पहले के स्तर पर बरकरार रखी गयी क्यों कि बेमौसम बारिश के कारण खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि की आशंका बढ़ गई थी। इस समय रिर्जव बैंक की अल्पकालिक उधार के लिए ब्याज दर (रेपो) 7.5 प्रतिशत और बैंकों की जमा पर सीधा नियंत्रण या नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) 4 प्रतिशत है।
दहाई अंक की वृद्धि दर संभव
अरूण जेटली ने कहा यदि निर्णय शीघ्रता से किए जाएं तो भारत में दहाई अंक की वृद्धि दर हासिल करने की संभावना है। उन्होंने कहा, हम सुधारों को आगे बढ़ा रहे हैं और नीतियों को उदार बना रहे हैं लेकिन इसमें साठगांठ वाले पूंजीवाद के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि अस्पष्ट आर्थिक नीतियों की वजह से संप्रग सरकार का पतन हुआ। जेटली ने कहा कि मौजूदा सरकार वृद्धि एवं विकास को आगे बढ़ाने वाली सरकार है। उन्होंने कहा, हमारा समाजिक सुरक्षा कार्यक्रम देश में अब तक के सबसे मजबूत कार्यक्रमों में एक है लेकिन नीतियों के निर्धारण के मामले में निश्चित रूप से व्यक्तिगत औद्योगिक घरानों के प्रति तटस्थता रहेगी। जेटली ने कहा कि सरकार कोयला और स्पेक्ट्रम जैसे प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी जैसे कदमों के जरिए राजकाज की पारदर्शी प्रणाली उपलब्ध कराने में कामयाब रही है।
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