Nobel Prize 2025: मैरी ब्रुनको, फ्रेड रामस्डेल और शिमोन सकागुची को मिला मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार

Nobel Prize 2025 in Medicine तीन वैज्ञानिकों- मैरी ई. ब्रुनको, फ्रेड रामस्डेल और शिमोन सकागुची को दिया गया है। इनकी खोजों ने बताया कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली खुद पर हमला क्यों नहीं करती और कैसे नियामक टी कोशिकाएं (Regulatory T Cells) हमें स्वप्रतिरक्षा रोगों से बचाती हैं।

Updated On 2025-10-06 15:45:00 IST

Nobel Prize 2025: फिजियोलॉजी या मेडिसिन के क्षेत्र में 2025 का नोबेल पुरस्कार तीन वैज्ञानिकों- मैरी ई. ब्रुनको, फ्रेड रामस्डेल और शिमोन सकागुची को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया है। इन वैज्ञानिकों ने यह अद्भुत खोज की कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) खुद पर हमला क्यों नहीं करती और कैसे Regulatory T Cells हमारी सुरक्षा करती हैं।

पुरस्कार विजेता और उनकी खोजें

  • मैरी ई. ब्रुनको (जन्म 1961): अमेरिका के प्रिंसटन विश्वविद्यालय से पीएचडी प्राप्त की और वर्तमान में Institute for Systems Biology, सिएटल में वरिष्ठ कार्यक्रम प्रबंधक हैं।
  • फ्रेड रामस्डेल (जन्म 1960): कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजिल्स से पीएचडी करने के बाद अब Sonoma Biotherapeutics, सैन फ्रांसिस्को में वैज्ञानिक सलाहकार हैं।
  • शिमोन सकागुची (जन्म 1951): जापान के क्योटो विश्वविद्यालय से पीएचडी प्राप्त कर ओसाका विश्वविद्यालय के Immunology Frontier Research Center में प्रोफेसर हैं।

शरीर की सुरक्षा की नई समझ

तीनों वैज्ञानिकों के काम ने बताया कि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली न सिर्फ रोगाणुओं से लड़ती है, बल्कि अपने ही अंगों पर हमला न करे इसके लिए भी नियंत्रण रखती है। Regulatory T Cells (नियामक टी कोशिकाएं) इस संतुलन को बनाए रखती हैं ताकि Autoimmune Diseases (स्वप्रतिरक्षा रोग) से बचाव हो सके।

Foxp3 जीन की खोज

2001 में मैरी ब्रुनको और फ्रेड रामस्डेल ने एक जीन की पहचान की, जिसे उन्होंने Foxp3 नाम दिया। इस जीन में उत्परिवर्तन से प्रतिरक्षा नियंत्रण बिगड़ गया और गंभीर बीमारी हुई। बाद में पता चला कि यही जीन मनुष्यों में IPEX Syndrome जैसी दुर्लभ बीमारी का कारण बनता है। 2003 में शिमोन सकागुची ने साबित किया कि Foxp3 जीन वही नियंत्रित करता है जो नियामक टी कोशिकाओं का विकास सुनिश्चित करता है।

नई चिकित्सा संभावनाएं

नोबेल समिति के अध्यक्ष ओले काम्पे ने कहा, “इन खोजों ने यह समझना संभव किया कि हम सभी गंभीर स्वप्रतिरक्षा रोगों से क्यों नहीं पीड़ित होते।” इन शोधों से चिकित्सा विज्ञान में नए रास्ते खुले हैं। अब Autoimmune Diseases, Cancer और Organ Transplantation के लिए Foxp3-आधारित थेरपीज विकसित की जा रही हैं, जो बेहतर इलाज की उम्मीद देती हैं।

मानवता के लिए आशा की नई किरण

तीनों वैज्ञानिकों की संयुक्त उपलब्धियों ने प्रतिरक्षा-संबंधी बीमारियों के खिलाफ लड़ाई को नया स्वरूप दिया है। उनके कार्यों से लाखों मरीजों को नई आशा मिली है और मेडिकल साइंस के एक नए युग की शुरुआत हुई है।

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