महंगाई से डरे ट्रम्प: 200 से ज्यादा खाने-पीने की चीजों पर टैरिफ घटाया, कॉफी–बीफ से लेकर टमाटर तक होंगे सस्ते
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बढ़ती महंगाई और खासकर खाने-पीने की वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को लेकर उपभोक्ताओं में बढ़ रही नाराजगी के बीच 200 से अधिक खाद्य उत्पादों पर लगाए गए आयात शुल्क में बड़ी कटौती की है।
Donald Trump
(एपी सिंह) वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बढ़ती महंगाई और खासकर खाने-पीने की वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को लेकर उपभोक्ताओं में बढ़ रही नाराजगी के बीच 200 से अधिक खाद्य उत्पादों पर लगाए गए आयात शुल्क में बड़ी कटौती की है। इस निर्णय में बीफ, कॉफी, केले, टमाटर और ऑरेंज जूस जैसी रोजमर्रा की वस्तुएं शामिल हैं। यह बदलाव गुरुवार रात से ही लागू हो गया है और यह पहले तय किए गए शुल्कों में एक महत्वपूर्ण पलटाव माना जा रहा है। ट्रम्प प्रशासन ने साल की शुरुआत में व्यापक आयात शुल्क लगाए थे, जिनका उद्देश्य विदेशी उत्पादों को महंगा करके घरेलू उद्योग को संरक्षण देना था।
इसका एक नकारात्मक असर यह हुआ कि उपभोक्ता स्तर पर खाने-पीने की चीजों की कीमतें लगातार बढ़ती चली गईं, जिससे आम नागरिकों में असंतोष बढ़ा। राज्य और स्थानीय चुनावों में डेमोक्रेट्स की हालिया जीतों ने यह संकेत दिया कि महंगाई, खासकर किराने के सामान की महंगाई, लोगों की सबसे बड़ी चिंता बन चुकी है। ट्रम्प ने स्वीकार किया कि कुछ मामलों में शुल्क उत्पादों की कीमतें बढ़ा सकते हैं। उन्होंने दावा किया कुल मिलाकर अमेरिका में लगभग कोई महंगाई नहीं है।
लेकिन अर्थशास्त्री और विपक्षी नेता इस दावे से असहमत हैं। उनका आरोप है कि राष्ट्रपति ट्रम्प की टैरिफ नीति ने ही महंगाई को बढ़ावा दिया है। इसके साथ ही, ट्रम्प ने यह भी घोषणा की है कि अगले वर्ष निम्न और मध्यम आय वर्ग के अमेरिकियों को 2,000 डॉलर की एक विशेष भुगतान राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा यह राशि आयात शुल्क से प्राप्त राजस्व से दी जाएगी। उन्होंने इसे टैरिफ डिविडेंड का नाम दिया और दावा किया कि इससे आम नागरिकों को राहत मिलेगी और राष्ट्रीय कर्ज भी घटेगा।
इसके अलावा, अर्जेंटीना, इक्वाडोर, ग्वाटेमाला और एल साल्वाडोर जैसे देशों के साथ किए गए नए व्यापार समझौतों के तहत कई खाद्य उत्पादों पर शुल्क पूरी तरह समाप्त कर दिए गए हैं। इन कदमों का उद्देश्य खाद्य आपूर्ति को बढ़ाना और महंगाई के दबाव को कम करना है। अमेरिका और स्विटजरलैंड ने एक महत्वपूर्ण व्यापारिक समझौता किया है, जिसके तहत अमेरिका स्विस उत्पादों पर अपने आयात शुल्क को 39% से घटाकर 15% कर देगा। इसके बदले में, स्विस कंपनियां 2028 के अंत तक अमेरिका में कुल 200 अरब डॉलर का निवेश करेंगी। इस समझौते में लिकटेंस्टाइन भी शामिल है और 2026 की पहली तिमाही तक अंतिम वार्ताएं पूरी होने की उम्मीद है।