योगी सरकार का ऐलान: किसानों को मिलेगी 92 हजार मुफ्त मिनीकिट, रबी फसल के लिए 8385 'किसान पाठशालाएं' होंगी संचालित

दलहनी फसलों के बीजों और फसल पद्धति प्रदर्शनों पर ₹2,500 से ₹15,000 प्रति हेक्टेयर तक का अनुदान डीबीटी के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। यह योजना किसानों की आय बढ़ाने और राज्य की कृषि उत्पादकता में वृद्धि करने के लिए एक ठोस कदम है।

Updated On 2025-10-11 16:20:00 IST

यह व्यापक योजना किसानों की आय बढ़ाने और राज्य की कृषि उत्पादकता में वृद्धि करने के लिए एक ठोस कदम है

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों के सशक्तिकरण और उनकी आय बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है। इसी कड़ी में, आगामी रबी फसल सीजन को देखते हुए कृषि विभाग ने किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण प्रोत्साहन योजनाओं और अनुदान कार्यक्रमों की घोषणा की है। सरकार 92 हजार से अधिक मिनीकिट मुफ्त में प्रदान करेगी, जिससे उन्नत बीज किसानों तक पहुंचेंगे।

इसके साथ ही, किसानों को खेती की नई और उन्नत तकनीकों से अवगत कराने के लिए पूरे प्रदेश में 8385 'किसान पाठशालाएं' भी संचालित की जाएंगी। इन पाठशालाओं का मुख्य उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक खेती, खासकर दलहनी फसलों के बेहतर उत्पादन के तरीके सिखाना है।

दलहनी फसलों को बढ़ावा देने पर सरकार का खास जोर है, क्योंकि रबी सीजन में इनका क्षेत्रफल और उत्पादन खरीफ की तुलना में अधिक होता है और कीट व रोगों का संक्रमण भी कम होता है। सरकार बीजों पर अनुदान, क्लस्टर प्रदर्शन और फसल पद्धति प्रदर्शन जैसे कार्यक्रम चलाकर किसानों को प्रेरित कर रही है, ताकि वे अधिक उत्पादकता हासिल कर सकें।

प्रदर्शनों का अनुदान डीबीटी के माध्यम से उनके खातों में हस्तांतरित किया जाएगा। सरकार की यह पहल किसानों को अन्नदाता मानकर उनके उत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिसका सीधा असर कृषि उत्पादकता और किसानों की आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा।

योगी सरकार की रबी फसल रणनीति- उन्नत तकनीक और अनुदान से किसान होंगे समृद्ध

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को समृद्ध बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में, कृषि विभाग ने रबी फसल सीजन 2025-26 के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है, जिसका उद्देश्य किसानों को नवीन तकनीकों से जोड़कर दलहनी और अन्य रबी फसलों का उत्पादन बढ़ाना है। यह रणनीति उन्नत बीजों की उपलब्धता, ज्ञान-आधारित प्रशिक्षण और आर्थिक अनुदान पर केंद्रित है।

उन्नत बीजों का वितरण और 'किसान पाठशाला'

योगी सरकार ने रबी सीजन 2025-26 के लिए 92,518 निःशुल्क मिनीकिट वितरित करने का लक्ष्य रखा है। ये मिनीकिट नवीन और उच्च उपज वाली दलहनी फसलों की किस्मों को किसानों तक पहुंचाने का माध्यम बनेंगे। इसके साथ ही, कृषि विभाग 8,385 'किसान पाठशालाओं' का संचालन करेगा। ये पाठशालाएं किसानों को दलहनी फसलों के उत्पादन की नवीनतम तकनीक से अवगत कराएंगी। चूंकि, रबी मौसम में दलहनी फसलों में कीट और व्याधि का संक्रमण खरीफ की तुलना में कम होता है, इसलिए उत्पादकता अधिक प्राप्त होने की संभावना रहती है।

इन पाठशालाओं के माध्यम से किसान बीज शोधन, जैव रसायन और कृषि रक्षा रसायनों का उपयोग सीखकर अपनी फसलों को रोगों से बचा सकेंगे। बीज शोधन से बीज जनित और भूमि जनित रोगों के संक्रमण की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा, राइजोबियम कल्चर से बीज शोधन करने पर मृदा में 20-25 किलोग्राम नाइट्रोजन का स्थिरीकरण होता है, जिससे आगामी फसलों की लागत कम होती है और उत्पादकता में वृद्धि होती है।

दलहनी फसलों के उत्पादन पर विशेष जोर

किसानों को दलहनी फसलों के निःशुल्क मिनीकिट, एकड़ प्रदर्शन और किसान पाठशालाएं प्रदान की जा रही हैं। किसानों को प्रति एकड़ ₹4,000 का अनुदान दिया जा रहा है, ताकि वे उत्पादन की नवीन तकनीक अपना सकें। 10 वर्ष से कम अवधि के दलहनी फसल के बीजों पर ₹5,000 प्रति कुंतल का अनुदान। 10 वर्ष से अधिक अवधि के दलहनी फसल के बीजों पर ₹2,500 प्रति कुंतल का अनुदान, वहीं क्लस्टर प्रदर्शन पर ₹9,000 प्रति हेक्टेयर का अनुदान।फसल पद्धति प्रदर्शन पर ₹15,000 प्रति हेक्टेयर का अनुदान मिलेगा जिससे किसानों में उत्साह है।

पारदर्शिता पर जोर

सरकार ने अनुदान वितरण की प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित की है। बीजों पर अनुदान 'एटसोर्स' (खरीद के समय) ही उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे किसानों को तुरंत लाभ मिल सके। प्रदर्शन कार्यक्रमों का अनुदान सीधे चयनित किसानों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित किया जाएगा। इससे भ्रष्टाचार की गुंजाइश खत्म होगी और पात्र किसानों को समय पर सरकारी सहायता मिल सकेगी।

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