मुरादाबाद: मदरसे में प्रवेश के लिए 16 साल की छात्रा से मांगी गई 'वर्जिनिटी सर्टिफिकेट', पढ़ें पूरी खबर
मुरादाबाद के एक मदरसे में 16 वर्षीय छात्रा से प्रवेश के लिए 'वर्जिनिटी सर्टिफिकेट' की मांग की गई, जिससे हड़कंप मच गया।
छात्रा ने कहा, "मैं पढ़ना चाहती हूं, मदरसा प्रशासन ने भविष्य खराब कर दिया।
मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद स्थित एक मदरसे से शिक्षा को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहा 16 वर्षीय एक छात्रा को प्रवेश देने के लिए एडमिशन विभाग के प्रमुख ने उससे 'वर्जिनिटी सर्टिफिकेट' प्रस्तुत करने की मांग कर दी। छात्रा ने विरोध जताते हुए कहा कि इस मांग ने उसका भविष्य खराब कर दिया है। मामला तूल पकड़ते ही पुलिस ने तत्काल दाखिले के जिम्मेदार अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि इस घटना ने मदरसे के प्रशासन और शिक्षा के नाम पर हो रहे दुर्व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या था पूरा मामला?
पूरा मामला मुरादाबाद के डिलारी क्षेत्र के एक मदरसे के छात्रावास से जुड़ा है, जहा 16 वर्षीय छात्रा रहकर पढ़ाई कर रही थी। छात्रा ने जब मदरसे में प्रवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाया या अपने छात्रावास के पंजीकरण को सुनिश्चित करना चाहा, तो एडमिशन विभाग के प्रमुख अधिकारी ने छात्रा से एक 'वर्जिनिटी सर्टिफिकेट' प्रस्तुत करने की मांग की। यह सर्टिफिकेट यह प्रमाणित करता कि छात्रा कुंवारी है, और इसे प्रस्तुत किए बिना उसे आगे की पढ़ाई जारी रखने या छात्रावास में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। छात्रा ने बताया कि इस शर्त को मानने से इनकार करने पर उस पर दबाव बनाया गया और उसे प्रताड़ित किया गया। छात्रा ने इसे अपने आत्म-सम्मान और शिक्षा के अधिकार पर हमला मानते हुए अपने अभिभावकों को पूरी बात बताई।
अभिभावकों ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दाखिला इंचार्ज को गिरफ्तार कर लिया। छात्रा का आरोप है कि इस अपमानजनक मांग ने न केवल उसे मानसिक तौर पर परेशान किया, बल्कि उसके शैक्षिक भविष्य को भी खतरे में डाल दिया।
विरोध के बाद हुआ खुलासा- छात्रा ने बताई पूरी आपबीती
छात्रा डिलारी क्षेत्र के एक मदरसे के छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रही थी। उसने बताया कि जब उसने मदरसे में प्रवेश या छात्रावास में रहने की प्रक्रिया शुरू की, तो एडमिशन विभाग के प्रमुख ने उससे एक चौंकाने वाली शर्त रखी। उससे कहा गया कि उसे प्रवेश तभी दिया जाएगा जब वह 'वर्जिनिटी सर्टिफिकेट' प्रस्तुत करेगी। छात्रा ने इस शर्त को मानने से साफ इंकार कर दिया और इस मामले को अपने अभिभावकों के सामने उजागर किया। छात्रा का कहना है कि मदरसे के इस कदम ने उसे मानसिक रूप से परेशान किया है और उसके भविष्य को अनिश्चित बना दिया है।
न्याय की लड़ाई- 'मैं पढ़ना चाहती हूं...'
छात्रा ने अपनी आपबीती साझा करते हुए कहा, "मैं पढ़ना चाहती हूं... मदरसा प्रशासन ने भविष्य खराब कर दिया।"
उसका कहना है कि एक तरफ वह शिक्षा प्राप्त करके अपना और अपने परिवार का नाम रोशन करना चाहती है, वहीं दूसरी ओर मदरसा प्रशासन ने एक ऐसी शर्त थोप दी, जो न केवल उसके आत्म-सम्मान को ठेस पहुचाती है, बल्कि उसे शिक्षा प्राप्त करने से भी रोकती है।