वाह भाई वाह: दिवाली पर कानपुरियों ने तोड़ दिए सारे रिकॉर्ड, खा गए 1200 करोड़ की मिठाई!

कॉर्पोरेट गिफ्टिंग की भारी मांग ने इस अभूतपूर्व वृद्धि में मुख्य भूमिका निभाई, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ी मजबूती मिली।

Updated On 2025-10-24 12:01:00 IST

कानपुर में दिवाली का कुल कारोबार 3,500 करोड़ का हुआ।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के औद्योगिक शहर कानपुर ने इस दिवाली पर मिठाई के कारोबार में रिकॉर्ड तोड़ सफलता हासिल की है। दिवाली से लेकर भाई दूज त्योहार के दौरान शहर में लगभग 1200 करोड़ रुपये की मिठाइयों की बंपर बिक्री हुई है। यह आंकड़ा पिछले तीन वर्षों की तुलना में लगभग दोगुना है। कोरोना महामारी के बाद पहली बार, व्यापारियों ने इतनी बड़ी वृद्धि देखी है, जिससे उनके चेहरे खिल उठे हैं।

स्थानीय निवासियों और कॉर्पोरेट जगत दोनों से उच्च मांग के कारण, काजू, पिस्ता, और देसी घी की मिठाइयों की बिक्री ने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस कारोबार ने न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति दी है, बल्कि कानपुर को प्रदेश में मिठाई कारोबार का एक प्रमुख केंद्र भी बना दिया है।

त्योहारी सीजन में रिकॉर्ड तोड़ व्यापार

कानपुर में मिठाई का कारोबार इस साल ऐतिहासिक ऊचाई पर पहुच गया है। व्यापारी संघ के अनुसार, यह वृद्धि मुख्य रूप से उपभोक्ताओं के 'लोकल के लिए वोकल' होने और शुद्ध व उच्च गुणवत्ता वाली मिठाइयों की ओर रुझान बढ़ने के कारण हुई है। जबकि शहर का कुल दिवाली कारोबार 3,500 करोड़ तक पहुच गया, मिठाई की रिकॉर्ड 1200 करोड़ की बिक्री ने इस सेक्टर को कारोबार के मामले में सबसे आगे खड़ा कर दिया है।

खास मिठाइयों और गिफ्टिंग का क्रेज

इस बार पारंपरिक मिठाइयों के साथ-साथ खास और प्रीमियम वैरायटी की मिठाइयों की मांग में भारी उछाल देखा गया। मेवों से भरपूर, शुगर-फ्री और आकर्षक पैकिंग वाली डिजाइनर मिठाइयाँ ग्राहकों की पहली पसंद बनी रहीं। कॉर्पोरेट गिफ्टिंग सेगमेंट में भी भारी वृद्धि हुई, जहा कंपनियों ने अपने कर्मचारियों और क्लाइंट्स को उपहार देने के लिए बड़ी संख्या में ऑर्डर दिए। देसी घी से बनी काजू कतली, डोडा बर्फी और अंजीर बाइट्स जैसी मिठाइया सबसे ज़्यादा बिकीं, जिनकी कीमतें ऊची होने के बावजूद इनकी मांग बरकरार रही।

स्थानीय उद्योगों को मिली संजीवनी

मिठाई के कारोबार में आई इस जबरदस्त उछाल ने शहर के अन्य सहायक उद्योगों को भी संजीवनी दी है। मिठाई बनाने के लिए आवश्यक खोया, देसी घी, मेवे और चीनी जैसे कच्चे माल की खपत में भारी वृद्धि हुई है, जिससे इन उद्योगों का व्यापार भी तेजी से बढ़ा है। यह रिकॉर्ड कारोबार न केवल व्यापारियों के लिए मुनाफा लेकर आया है, बल्कि इसने खाद्य सुरक्षा विभाग को भी सक्रिय कर दिया, जिसने मिलावट पर लगाम लगाने के लिए बड़े पैमाने पर जाच और सैंपलिंग अभियान चलाया ताकि ग्राहकों को शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक मिठाइया मिल सकें।


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