यूपी पंचायत चुनाव: ग्राम प्रधान, जिला पंचायत अध्यक्ष समेत सभी पदों के लिए खर्च की सीमा निर्धारित
उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने आगामी पंचायत चुनावों के लिए ग्राम प्रधान और जिला पंचायत अध्यक्ष सहित सभी पदों के लिए अधिकतम खर्च सीमा तय कर दी है।
आयोग द्वारा तय की गई नई सीमाए लागू हो गई हैं और सभी प्रत्याशियों को इनका पालन करना अनिवार्य होगा।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार खर्च की अधिकतम सीमा तय कर दी है। यह कदम चुनाव में धनबल के दुरुपयोग को रोकने और सभी उम्मीदवारों को समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
आयोग द्वारा तय की गई नई सीमाए तत्काल प्रभाव से लागू हो गई हैं और सभी प्रत्याशियों के लिए इनका पालन करना अनिवार्य होगा।
प्रमुख पदों के लिए निर्धारित खर्च सीमा
राज्य निर्वाचन आयोग ने विभिन्न पदों के लिए खर्च की अलग-अलग सीमाए निर्धारित की हैं, जो चुनाव के स्तर और व्यापकता को दर्शाती हैं। सबसे महत्वपूर्ण पद, जिला पंचायत अध्यक्ष, के लिए अधिकतम खर्च की सीमा 7,00,000 तय की गई है। इसी तरह, ग्राम प्रधान पद के उम्मीदवार अब चुनाव प्रचार में अधिकतम 1,25,000 तक ही खर्च कर सकेंगे।
अन्य प्रमुख पदों के लिए खर्च की सीमाए -:
प्रमुख क्षेत्र पंचायत (ब्लॉक प्रमुख): 3,50,000 (साढ़े तीन लाख रुपये)
सदस्य जिला पंचायत: 2,50,000 (ढाई लाख रुपये)
सदस्य क्षेत्र पंचायत: 1,00,000 (एक लाख रुपये)
सदस्य ग्राम पंचायत: 10,000 (दस हजार रुपये)
नामांकन और जमानत राशि में भी बदलाव
खर्च की सीमा के साथ-साथ, निर्वाचन आयोग ने विभिन्न पदों के लिए नामांकन पत्र शुल्क और जमानत राशि भी निर्धारित कर दी है। इसमें आरक्षित वर्ग (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिला) के उम्मीदवारों को विशेष छूट दी गई है, जिससे वे चुनावी प्रक्रिया में अधिक आसानी से भाग ले सकें।
सामान्य वर्ग के लिए निर्धारित मुख्य शुल्क -:
ग्राम प्रधान: नामांकन पत्र शुल्क 600, जमानत राशि 3,000
सदस्य जिला पंचायत: नामांकन पत्र शुल्क 1,000, जमानत राशि 8,000
जिला पंचायत अध्यक्ष: नामांकन पत्र शुल्क 3,000, जमानत राशि 25,000
आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को इन शुल्कों और जमानत राशि में 50% तक की छूट मिलेगी। उदाहरण के लिए, ग्राम प्रधान पद के आरक्षित उम्मीदवार के लिए जमानत राशि 1,500 होगी।
खर्च का हिसाब रखना अनिवार्य
आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के दौरान किए गए खर्च का विस्तृत ब्योरा रखना होगा। उम्मीदवारों को अपने खर्च का हिसाब एक रजिस्टर में दर्ज करना होगा, जिसका निरीक्षण चुनाव के दौरान और परिणाम के बाद भी किया जा सकता है।
यदि कोई उम्मीदवार निर्धारित सीमा से अधिक खर्च करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें उसका निर्वाचन रद्द करना भी शामिल है। यह नियम चुनाव में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देगा।