यूपी के 17 जिलों में 'मोंथा' तूफान का अलर्ट: भारी बारिश और तेज़ हवाओं की चेतावनी, मौसम विभाग में जारी की गाइडलाइन!
चक्रवाती तूफान 'मोंथा' के कारण यूपी के 17 पूर्वी जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। 35 जिलों में 40 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।
बेमौसम बारिश उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है।
लखनऊ : बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान 'मोंथा' का असर अब उत्तर प्रदेश के मौसम पर साफ दिखाई देने लगा है। मौसम विभाग (IMD) ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के 17 जिलों में इस तूफान के कारण मध्यम से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इसके साथ ही, प्रदेश के लगभग 35 जिलों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज़ हवाए चलने का भी अनुमान है। इस तूफान का सर्वाधिक प्रभाव प्रदेश के दक्षिणी और पूर्वांचल के जिलों पर पड़ने की आशंका है।
पूर्वांचल और दक्षिणी जिलों पर सर्वाधिक खतरा
मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवाती तूफान 'मोंथा' के अवशेषों के प्रभाव से पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में 30 और 31 अक्टूबर को भारी बारिश हो सकती है। मिर्ज़ापुर और वाराणसी मंडल के जिलों के लिए विशेष रूप से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
जिन 17 जिलों में भारी बारिश की आशंका है, उनमें मुख्य रूप से सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, कौशांबी, चित्रकूट, प्रयागराज, प्रतापगढ़, जौनपुर, गाज़ीपुर, आज़मगढ़, मऊ, बलिया, सुल्तानपुर और अंबेडकर नगर शामिल हैं। इन इलाकों में गरज-चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है, जिसके मद्देनजर लोगों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की गई है। राजधानी लखनऊ में तूफान का आंशिक असर ही रहेगा, लेकिन शहर में बादल छाए रह सकते हैं। मौसम विभाग ने बताया है कि 2 नवंबर से प्रदेश में मौसम के साफ होने की संभावना है, लेकिन अगले दो दिन काफी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।
तापमान में गिरावट और बदली हुई हवाए
'मोंथा' चक्रवात के असर के चलते पूरे प्रदेश के मौसम में बड़ा बदलाव आया है। राज्य के अधिकतम तापमान में 4 से 6 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे अचानक ठंड बढ़ गई है। इटावा और आगरा जैसे जिलों में अधिकतम तापमान काफी नीचे गिर गया है, जिससे अक्टूबर महीने में ही ठंड का अनुभव होने लगा है।
बादल छाए रहने, लगातार हल्की से मध्यम बारिश होने और तेज हवाए चलने से दिन के समय तापमान में कमी आई है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक अधिकतम तापमान में यह गिरावट बनी रहेगी, जबकि न्यूनतम तापमान में भी 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की कमी आ सकती है। प्रशासन ने लोगों को अचानक बढ़ी ठंड और बारिश से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी है।
किसानों की बढ़ी चिंताए, फसलें खतरे में
अक्टूबर के अंतिम दिनों में हुई यह बेमौसम बारिश उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। इस समय प्रदेश के कई हिस्सों में धान की फसल पककर तैयार खड़ी है और किसान कटाई की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, बारिश और खेतों में पानी भर जाने के कारण धान की फसल के गिरने और खराब होने का खतरा बढ़ गया है। बलिया और आस-पास के जिलों में किसानों की चिंता अधिक है, जहा बड़े पैमाने पर धान की खेती होती है।
इसके अलावा, जिन किसानों ने अभी तक रबी की फसल की बुआई शुरू नहीं की है, उनके लिए भी यह बारिश एक बाधा बन गई है। खेतों में अत्यधिक नमी या पानी भर जाने के कारण बुआई का काम बाधित हो सकता है। चक्रवात के कारण होने वाली संभावित नुकसान को देखते हुए संबंधित जिलों में आपदा प्रबंधन और राहत टीमों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।