अमेठी में हुआ बड़ा खुलासा: 6,307 आयकर दाता PM किसान निधि लेते पकड़े गए, 38.4 लाख की हुई वसूली!

प्रशासन ने इन सभी लाभार्थियों की पहचान कर ली है और इनसे अब तक ₹38.4 लाख रुपये की राशि वसूल की जा चुकी है।

Updated On 2025-11-03 07:57:00 IST

पूरे प्रदेश में चल रहा डेटा सत्यापन अभियान।

अमेठी : केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ उत्तर प्रदेश में हजारों अपात्र लोगों द्वारा लिए जाने का एक बड़ा मामला सामने आया है। यह खुलासा अमेठी जिले में हुआ, जहा में पता चला कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी इस योजना का फायदा उठा रहे थे जो वास्तव में इसके पात्र नहीं थे।

नियमानुसार, इस योजना के तहत उन किसानों को 6,000 सालाना दिए जाते हैं जो आयकर नहीं भरते हैं और जिनके पास ज़मीन है। हालांकि , अमेठी में 6,307 ऐसे लाभार्थियों की पहचान की गई है जो आयकर दाता थे लेकिन फिर भी उन्हें इस योजना के तहत वित्तीय सहायता मिल रही थी। सरकारी डेटा के ऑडिट और सत्यापन के बाद इन अपात्र लोगों की पहचान की गई।

अपात्रों से 38.4 लाख की बड़ी वसूली

अपात्र लाभार्थियों की पहचान होने के तुरंत बाद, प्रशासन ने उनसे योजना के तहत ली गई राशि की वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन 6,307 अपात्र आयकर दाताओं से अब तक 38.4 लाख रुपये की राशि वसूल की जा चुकी है।

यह वसूली उन सभी किस्तों के लिए की जा रही है जो उन्हें अपात्र होते हुए भी प्राप्त हुईं थीं। यह कार्रवाई योजना के नियमों को सख्ती से लागू करने और सरकारी धन के दुरुपयोग को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम है। 

जिलाधिकारी और कृषि विभाग के अधिकारी इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं ताकि रिकवरी लक्ष्य को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके। प्रशासन का कहना है कि बाकी अपात्र लाभार्थियों से भी जल्द ही पूरी राशि वसूल कर ली जाएगी और इसमें किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

पूरे प्रदेश में चल रहा डेटा सत्यापन अभियान

यह समस्या केवल अमेठी तक ही सीमित नहीं है; बल्कि उत्तर प्रदेश के कई अन्य जिलों में भी इसी तरह के मामले सामने आए हैं। इस बड़े पैमाने पर हुए दुरुपयोग के मद्देनजर, राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में लाभार्थियों के डेटा के सत्यापन के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया है।

इस अभियान में लाभार्थियों के आधार, बैंक खातों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, उनके आयकर दाता की स्थिति का मिलान किया जा रहा है। सरकार का मुख्य ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि योजना का लाभ केवल वास्तविक और जरूरतमंद किसानों तक ही पहुंचे।

इसके लिए, कृषि विभाग अन्य सरकारी विभागों, विशेषकर आयकर विभाग, के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि भविष्य में इस तरह के फर्जीवाड़े को रोका जा सके। अपात्र लोगों की पहचान होते ही उनसे रिकवरी शुरू कर दी जाएगी और उन्हें योजना से बाहर कर दिया जाएगा।

सरकारी फंड के दुरुपयोग पर कड़ा रुख

PM-KISAN योजना भारत सरकार की एक प्रमुख कल्याणकारी पहल है, और इसमें हुए दुरुपयोग को सरकार बेहद गंभीरता से ले रही है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे सभी लोगों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया जाएगा जिन्होंने जानबूझकर योजना के नियमों का उल्लंघन करते हुए इसका लाभ लिया है।

वसूली की प्रक्रिया के अलावा, कुछ मामलों में कानूनी कार्रवाई पर भी विचार किया जा सकता है। इस घटना ने एक बार फिर डिजिटल सत्यापन और पारदर्शिता की आवश्यकता को उजागर किया है ताकि कल्याणकारी योजनाओं के फंड को गलत हाथों में जाने से रोका जा सके। सरकार अब ई-केवाईसी (e-KYC) और आधार सीडिंग को अनिवार्य करके सिस्टम में मौजूद खामियों को दूर करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।


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