राजस्थान में बड़ा हनी-ट्रैप रैकेट: ISI के लिए काम कर रहा जासूस पकड़ाया, कई भारतीय जवान जाल में फंसे

राजस्थान के श्रीगंगानगर से गिरफ्तार किए गए जासूस प्रकाश सिंह उर्फ बादल ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

Updated On 2025-12-07 09:53:00 IST

राजस्थान के श्रीगंगानगर से गिरफ्तार किए गए जासूस प्रकाश सिंह उर्फ बादल ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। जांच में पता चला है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने भारतीय सेना के जवानों को हनी ट्रैप में फंसाने की बड़ी साजिश रची थी, जिसमें प्रकाश अहम कड़ी के रूप में काम कर रहा था।

जानकारी के मुताबिक प्रकाश सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय था और भारतीय नागरिकों के मोबाइल नंबर ISI तक पहुंचा रहा था। इन नंबरों का इस्तेमाल करके ISI ने भारतीय पहचान के फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट बनाए। इन्हें संभालने वाली पाकिस्तानी महिलाएं भारतीय जवानों से दोस्ती बढ़ाती थीं और भरोसे में लेकर उनसे बॉर्डर और सैन्य गतिविधियों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी निकलवाती थीं।

कितने जवान फंसे?

सीआईडी इंटेलिजेंस का कहना है कि कई जवान इस जाल में फंस चुके हैं। प्रकाश लगातार इंटरनेशनल कॉल्स और नंबरों के जरिए ISI के संपर्क में रहता था। जांच में यूके के तीन नंबरों और भारत के एक नंबर से उसकी लगातार गतिविधि पाई गई है।

सवा लाख में बेचा देश का राज

पूछताछ में सामने आया है कि प्रकाश को इस काम के बदले करीब 1.25 लाख रुपये दिए गए। यह पैसा यूपीआई के जरिए अलग-अलग देशों से भेजा गया था। अब यह जांच की जा रही है कि इस नेटवर्क में और कौन लोग शामिल हैं।

जांच की रफ्तार तेज

सीआईडी की टीमें पंजाब और गुजरात में छापेमारी कर रही हैं। शक है कि यह नेटवर्क काफी बड़ा है और कई जासूस इसमें सक्रिय हो सकते हैं।

क्या-क्या सैन्य जानकारी लीक हुई?

एजेंसियों को अंदेशा है कि जवानों ने जिन महिलाओं को भारतीय समझा, उन्हें बॉर्डर की लोकेशन, सेना की तैनाती और अन्य संवेदनशील ऑपरेशनल जानकारी साझा की गई होगी। अब यह पता लगाया जा रहा है कि कितनी और कौन-कौन सी सूचनाएं लीक हुई हैं। सरकारी एजेंसियां मामले को बेहद गंभीर मानकर इसकी जड़ तक पहुंचने में जुट गई हैं।

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