मध्यप्रदेश में ईडी की बड़ी कार्रवाई: जगदंबा एएमडब्ल्यू ऑटोमोटिव्स की 5.32 करोड़ की प्रॉपर्टी कुर्क, जानें पूरा मामला

मध्यप्रदेश में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। ED भोपाल ने मेसर्स जगदंबा एएमडब्ल्यू ऑटोमोटिव्स प्राइवेट लिमिटेड (JAAPL) की 5.32 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी कुर्क की है। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत कार्रवाई की गई है।

Updated On 2024-03-12 15:03:00 IST
मेसर्स जगदंबा एएमडब्ल्यू ऑटोमोटिव्स प्राइवेट लिमिटेड की 5.32 करोड़ की प्रॉपर्टी कुर्क।

भोपाल। प्रवर्तन निदेशालय (ED) भोपाल ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने मेसर्स जगदंबा एएमडब्ल्यू ऑटोमोटिव्स प्राइवेट लिमिटेड (JAAPL) की 5.32 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी कुर्क की है। मध्यप्रदेश के जबलपुर, बांधवगढ़ (उमरिया), रीवा, शहडोल, स्लीमनाबाद (कटनी) में जमीन (कृषि, वाणिज्यिक और आवासीय), वाहन शोरूम / डीलरशिप, आवासीय घर और कारों के रूप में 55 संपत्तियां कुर्क की गई हैं।

जानकारी के अनुसार, जगदंबा एएमडब्ल्यू ऑटोमोटिव्स प्राइवेट लिमिटेड का मुख्यालय जबलपुर में है। कंपनी के एडिशनल डायरेक्टर पुष्पेंद्र सिंह के खिलाफ बैंक ऋण में फर्जीवाड़ा करने के संबंध में केस दर्ज हुआ था। इसी साल जनवरी में उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

ऐसे समझें पूरा मामला 
जानकारी के मुताबिक, कंपनी के एडिशनल डायरेक्टर पुष्पेंद्र सिंह ने केनरा बैंक के पूर्व प्रबंधक और अन्य के साथ मिलकर जगदंबा एएमडब्ल्यू ऑटोमोटिव्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से 14.93 करोड़ रुपए की चपत लगाई थी। अप्रैल 2015 और मार्च 2016 के बीच धोखाधड़ी की। आरोपियों ने फर्जी बैंक गारंटी और झूठे दस्तावेज जमा कर 50 ट्रकों के लिए गलत तरीके से ऋण मंजूर कराए और बैंक से लोन लिया था।  ED की जांच में यह भी पता चला है कि पुष्पेंद्र सिंह ने लोन की रकम के इस्तेमाल में हेराफेरी की। उसने आरटीजीएस और नकद निकासी के जरिए कंपनी अकाउंट से अपने निजी इस्तेमाल के लिए पर्सनल अकाउंट में ट्रांसफर कर ली। अब उसके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने शिकंजा कसा है।

फरवरी में भी ईडी ने दी थी दबिश 
बता दें कि 17 फरवरी 2024 को ईडी ने कटनी, रीवा सहित कई जिलों में दबिश देते हुए कंपनी से फर्म में छापेमारी की थी। मनी लॉड्रिंग एक्स मामले में ईडी ने पुष्पेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। मामले में ईडी अभी आरोपी से पूछताछ कर रही है। अधिकारियों ने बताया कि जनवरी में भी सर्च ऑपरेशन कंपनी के ठिकानों पर किया गया था। इस दौरान 16 लाख रुपए और कई अहम दस्तावेज भी जब्त किए गए थे। इधर करोड़ों की धोखाधड़ी और बैंकिंग फ्रॉड मामले में CBI भी जांच कर रही है। 

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