PUC Testing Center: दिल्ली में नए रेट पर शुरू हुई प्रदूषण की जांच, अब टू-थ्री और फोर व्हीलर वालों को देने होंगे इतने रुपये

PUC Testing Center: दिल्ली में वाहनों की प्रदूषण की जांच नई दरों में होनी शुरू हो गई है। अब टू-थ्री और फोर व्हीलर वालों को प्रदूषण की जांच के लिए पहले से अधिक पैसे देने होंगे।

Updated On 2024-08-25 15:44:00 IST
वाहनों की प्रदूषण जांच।

Pollution Under Control Certificate: दिल्ली सरकार ने 11 जुलाई को वाहनों की प्रदूषण की जांच की दरों में वृद्धि की घोषणा की थी। दिल्ली सरकार ने अब इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। ऐसे में दिल्ली में अब प्रदूषण की जांच की अधिक पैसे देने होंगे। परिवहन विभाग ने 20 अगस्त को नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके बाद से दिल्ली में बढ़ी हुई नई दरों के साथ वाहनों के प्रदूषण की जांच की जा रही है।

दिल्ली में महंगा हुआ गाड़ियों का पॉल्यूशन

दिल्ली में अब प्रदूषण की जांच बढ़ी हुई दरों के साथ की जा रही है। दिल्ली में अब प्रदूषण प्रमाणपत्र के लिए पेट्रोल, सीएनजी या एलपीजी, टू व्हीलर, थ्री और फोर व्हीलर वाहनों के मालिकों को अब 80 रुपये देने होंगे। जो अभी 60 रुपये थे। इसके अलावा पेट्रोल, सीएनजी, या एलपीजी फोर व्हीलर वाहनों और उससे ऊपर के वाहनों के लिए 110 रुपये तय किए गए हैं। जिसके लिए अभी तक 80 रुपये लगते थे।

हड़ताल पर चले गए थे पीयूसी सेंटर के मालिक

बता दें कि सरकार की इस घोषणा के बाद दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने इसका विरोध किया था और दिल्ली में पेट्रोल पंपों पर स्थित 600 पीयूसी सेंटर बंद कर हड़ताल कर चले गए थे। पीयूसी केंद्र संचालक दिल्ली सरकार द्वारा बढ़ाई गई दरों में और अधिक वृद्धि की मांग कर रहे थे। इसके विरोध में ही उन्होंने हड़ताल पर जाने का फैसला किया। ऐसे में कई दिनों तक दिल्ली में हड़ताल के वाहनों के प्रदूषण की जांच नहीं हो पाई, जिससे लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा और दिल्ली में बिना प्रदूषण जांच के सैकड़ों वाहन ऐसे ही दौड़ते रहे।

इसको लेकर दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग से बातचीत के बाद पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने हड़ताल खत्म करने का फैसला किया और कई दिनों तक बंद रहे प्रदूषण जांच केंद्र को फिर से खोला गया।

PUC केंद्र संचालकों की ये थी मांग

PUC केंद्र संचालकों का कहना है कि केंद्र के संचालन का खर्च और कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी को देखते हुए मौजूदा बढ़ोतरी नाकाफी है, क्योंकि सरकार द्वारा 13 साल बाद 35 प्रतिशत तक की यह बढ़ोतरी करने का ऐलान हुआ है। उनका कहना है कि पीयूसी केंद्र के संचालन में खर्च कई गुना बढ़ गए हैं। ऐसे में पीयूसी जांच के लिए दाम और अधिक बढ़ाने चाहिए।

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