Delhi Riot Case: उमर खालिद की जमानत याचिका पर नहीं हुई सुनवाई, अब इस दिन सुना जाएगा मामला

Delhi Riot Case: सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी है। दिल्ली दंगे का आरोपी लंबे समय से जमानत का इंतजार कर रहा है।

By :  Amit Kumar
Updated On 2024-02-01 17:17:00 IST
आरोपी उमर खालिद।

दिल्ली दंगा मामले में आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी है। देश की सर्वोच्च अदालत ने उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई सप्ताह के लिए टाल दी है। दिल्ली दंगों में यूएपीए के तहत सितंबर 2020 से जेल में बंद उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई न होने की 13वीं घटना है। पिछली सुनवाई 24 जनवरी को हुई थी, जिसके बाद अगली सुनवाई के लिए 31 जनवरी की तिथि तय की गई थी। खालिद की याचिका पर सुनवाई अब टाल दी गई है। कोर्ट का कहना है कि इस मामले को कल सुना जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद ने दिल्ली हाई कोर्ट में अक्टूबर 2022 में जमानत याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने 18 अक्टूबर को खालिद की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट के इस आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट में भी खालिद की अर्जी पर पिछली दो सुनवाई स्थगित हो चुकी हैं। यह तीसरा मौका है, जब उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं हो पाई है।    

पहली सुनवाई टलने पर SC ने जताई थी आपत्ति

बता दें कि 10 जनवरी को उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई टालने का अनुरोध किया गया था। यह अनुरोध खालिद की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने किया था। इस पर शीर्ष न्यायालय ने आपत्ति जताई थी। कहा था कि अगर हम इस पर स्थगन देंगे तो ऐसा लगेगा कि कोर्ट इस मामले पर सुनवाई नहीं करना चाहती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता लंबे समय से जेल में बंद है, इसलिए मामले पर सुनवाई की आवश्यकता है। हालांकि बाद में उमर खालिद के वकीलों के आग्रह को स्वीकार कर लिया गया था, लेकिन कहा था कि आगे से तारीख पर स्थगन के अनुरोध पर विचार नहीं किया जाएगा। 24 जनवरी को फिर से सुनवाई नहीं हो सकी क्योंकि बेंच को लंच के बाद दूसरे मामले की सुनवाई करनी थी। 

2020 में भड़के थे दंगे

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में राजधानी दिल्ली में फरवरी 2020 में दंगा भड़का था, जिसमें उमर खालिद का नाम भी साजिशकर्ताओं के रूप में सामने आया था। इस दंगे में 50 से अधिक लोगों की जान चली गई, जबकि 700 से अधिक लोग घायल हुए थे।

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