Old Age Home: तालों में बंद, बंधे हुए हाथ..., नोएडा के ओल्ड एज होम में बुजुर्गों की दुर्दशा

Old Age Home: नोएडा के ओल्ड एज होम में बुजुर्गों की हालत काफी दयनीय पाई गई। यहां बुजुर्ग महिलाओं के हाथ बंधे हुए थे। बुजुर्गों को ताले में बंद करके रखा गया था। बहुत से बुजुर्गों के शरीर पर कपड़े तक नहीं थे।

Updated On 2025-06-27 14:30:00 IST

नोएडा में अवैध वृद्धाश्रम में बुजुर्गों का हाल-बेहाल

Old Age Home Noida: नोएडा के सेक्टर-55 में आनंद निकेतन वृद्ध सेवा आश्रम है, जिसे कल्याण ट्रस्ट की तरफ से चलाया जाता है। जांच के दौरान यहां रहने वाले बुजुर्गों की हालत काफी दयनीय मिली। बुजुर्गों के हाथ-बांधकर उन्हें कमरे में बंद करके रखा गया था। बुजुर्ग पुरुषों के शरीर पर कपड़े तक नहीं थे।

दरअसल, सोशल मीडिया पर कुछ फोटोज और वीडियोज वायरल हुईं। वीडियो में एक महिला के हाथ बंधे थे, जिन्हें खोला जा रहा था। वायरल वीडियो में दावा किया गया कि ये वीडियो नोएडा सेक्टर-55 के आनंद निकेतन वृद्ध सेवा आश्रम की बताई गई। दावा किया गया कि यहां रहने वाले अधिकतर बुजुर्गों को दयनीय हालत में रखा जाता है। इस वायरल वीडियो और फोटो पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने संज्ञान लिया और निरीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला ने की जांच 

निर्देशानुसार गुरुवार को राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला नोएडा पहुंचीं। इस दौरान उनके साथ जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला परिवीक्षा अधिकारी और पुलिस टीम थी। उन्होंने टीम के साथ वृद्धाश्रम पहुंचकर जांच की। इस दौरान बुजुर्गों के हाल-बेहाल दिखे।

'नर्क से बद्तर बुजुर्गों की हालत'

मीनाक्षी भराला ने बताया कि जिस समय वृद्धाश्रम का निरीक्षण किया गया, उस समय बुजुर्ग महिला के हाथ बांधकर रखा गया था। बुजुर्ग पुरुष तहखाने जैसे कमरों में बंद पाए गए। उनकी जिंदगी नर्क से बद्तर लग रही थी। जांच के दौरान एक बुजुर्ग के शरीर पर कपड़े नहीं थे और वो कमरे में बंद थे। कई बुजुर्गों के कपड़े मल-मूत्र से सने मिले। इस पर मीनाक्षी ने जवाब मांगा, तो वृद्धाश्रम प्रशासन ने कहा कि वो पागल हैं। मीनाक्षी ने बुजुर्ग से बात की और पूछा कि क्या आप पागल हैं, तो उन्होंने जवाब दिया जो चौंकाने वाला था। बुजुर्ग ने कहा कि मैं एक डॉक्टर हूं।

नहीं दिखा सके आश्रम के दस्तावेज

जांच टीम ने संचालक से आश्रम के दस्तावेज मांगे, तो वे दस्तावेज नहीं दिखा सके। पूछताछ से पता चला कि यह वृद्धाश्रम वर्ष 1994 से चलाया जा रहा है। इतना समय बीतने के बाद भी इसे रजिस्टर नहीं कराया गया। राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला ने बताया कि बुजुर्गों को रखने और उनकी देखभाल के लिए आश्रम प्रबंधन की तरफ से ढाई लाख रुपए प्रति व्यक्ति अनुदान लिया जाता है। इसके अलावा 20 हजार रुपए सुरक्षा राशि के तहत ली जाती है। वहीं खाने और रहने की सुविधा का इंतजाम करने के लिए 10 से 12 हजार रुपए प्रति महीने लिए जाते हैं।

अमीरों के माता-पिता भी वृद्धाश्रम में मौजूद

जानकर हैरानी होगी कि इस वृद्धाश्रम में कई ऐसे लोगों के माता-पिता हैं, जो नोएडा के अमीर परिवारों से आते हैं। यहां एक महिला मिली, जिसने खुद को नर्स बताया। कड़ाई से पूछताछ करने पर उसकी योग्यता 12वीं पास पाई गई। इन सब के बाद उन्होंने आश्रम को सील करने और बुजुर्ग महिलाओं और पुरुषों को अन्य वृद्ध आश्रम में भेजने के निर्देश दिए।

आश्रम प्रबंधन ने दी सफाई 

आश्रम प्रबंधन ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि कुछ बुजुर्गों के हाथ इसलिए बांधे गए हैं कि वे खुद को व औरों को चोट न पहुंचा सकें। कई बार ऐसा हुआ है कि उन्होंने खुद को चोट पहुंचाई और शौच करके उसे दूसरों पर फेंक दिया। ऐसे में वे बुजुर्गों के हाथ बांधकर उन्हें सुरक्षित रखते हैं।

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