Murder Case: ग्रेटर नोएडा मर्डर केस में परिवार के 5 लोग दोषी, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
Noida Murder Case: ग्रेटर नोएडा की अदालत ने 2020 में हुई हत्या के मामले में एक ही परिवार के 5 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। जानें क्या है पूरा मामला...
ग्रेटर नोएडा में मर्डर केस में कोर्ट ने परिवार के 5 सदस्यों को उम्रकैद की सजा सुनाई।
Noida Murder Case: गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय ने हत्या के मामले में एक ही परिवार के 5 सदस्यों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने सभी दोषियों पर 34-34 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। ग्रेटर नोएडा के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार मिश्रा की अदालत ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने हत्या और गोलीकांड मामले में सुनवाई पूरी की थी।
कोर्ट ने जिन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है उनमें एक ही परिवार के पिता, पुत्र, पौत्र, पुत्र वधु समेत पांच लोग शामिल हैं। कोर्ट ने पाया कि कासना कोतवाली क्षेत्र के अमीनाबाद उर्फ नियाना गांव निवासी जसमाल, उसका बेटा राजकुमार, बहू निरोज और पोते निशांत उर्फ निशु और मोंटी को हत्या के मामले में दोषी हैं।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह मामला 29 जून 2020 का है। एडीजीसी क्राइम नितिन त्यागी ने बताया कि कासना कोतवाली में वादी बाबूराम ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। शिकायत में उन्होंने बताया कि उनका भतीजा सोनू बिलासपुर से अपने गांव नियाना लौट रहा था। वह गांव में जसमाल के गेट के सामने पहुंचा था। रास्ते में जसमाल, उसका बेटा राजकुमार और पोता निशांत और मोंटी ने ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़ी कर रखी थी।
आरोप है कि सोनू ने उनसे रास्ता देने के लिए कहा, लेकिन सभी ने गाली-गलौज की और रास्ता देने से इनकार कर दिया। जसमाल और उसके परिवार के लोगों ने सोनू के साथ मारपीट की। सोनू किसी तरह से अपनी जान बचाकर घर पहुंचा और सारी घटना बताई। उसकी बात सुन बाबूराम के भाई राजेंद्र सिंह, बिजेंद्र सिंह और देवेंद्र सिंह शिकायत करने के लिए जसमाल के घर पहुंचे।
गोली मारकर की थी हत्या
जब सोनू के परिजन जसमाल के घर पहुंचे, तो आरोपियों ने फिर से गाली गलौज शुरू कर दी। उनके बीच विवाद बढ़ने लगा, जिसके बाद जसमाल ने अपनी लाइसेंसी बंदूक निशांत को पकड़ा दी। वहीं, राजकुमार की पत्नी निरोज घर से दो फरसे निकालकर ले आई। उसने अपने पति और बेटे मोंटी को हथियार थमा दिए। निशांत ने बिजेंद्र पर गोली चला दी, जिसके कारण वह जमीन पर खून से लथपथ गिर गया। वहीं, राजकुमार और मोंटी ने राजेंद्र, बिजेंद्र और देवेंद्र पर फरसे से हमला कर दिया। बिजेंद्र की गोली लगने से मौत हो गई थी, जबकि देवेंद्र और राजेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
इस बीच ग्रामीणों ने शोर मचाना शुरू कर दिया, जिसके बाद आरोपित जसमाल, राजकुमार, निशांत, मोंटी और निरोज भाग गए। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल से 2 खून से सने फरसे और एक लाइसेंसी बंदूक बरामद की थी। पुलिस ने आगे की कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
सबूत मिटाने को कोशिश
पीड़ित के परिवार ने कोर्ट में दावा किया कि दोषियों ने हत्या के बाद शव को खींचकर घर में ले जाने की कोशिश की थी। वे घटना का स्वरूप बदलकर सबूत मिटाना चाहते थे। इस मामले में 14 लोगों की गवाई दर्ज हुई थी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद सभी 5 आरोपियों को आईपीसी की धारा-147, 148, 149, 323, 324, 326, 302, 307, 504, 506 के तहत दोषी करार दिया। कोर्ट ने इन सभी दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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