Cyber Crime: फिल्म 'बंटी और बबली' से प्रेरित साइबर ठग, सीरियल में काम दिलाने के बहाने ठगी

Delhi Cyber Crime: दिल्ली की साइबर थाना पुलिस ने सीरियल में काम दिलाने के नाम पर साइबर ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन्हें कर्नाटक के बेंगलुरू से गिरफ्तार किया है।

Updated On 2025-08-23 15:20:00 IST

दिल्ली पुलिस ने दो साइबर अपराधियों को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया।

Delhi Cyber Crime: दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में साइबर थाना पुलिस ने एक महिला समेत दो आरोपियों को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया है। ये ठग बॉलीवुड फिल्म 'बंटी और बबली' से प्रेरित होकर ठगी को अंजाम देते थे। आरोप है कि ये सीरियल में काम दिलाने के नाम पर भोले-भाले लोगों के साथ ठगी करते थे।

दोनों आरोपी फर्जी डायरेक्टर-प्रोड्यूसर बनकर स्टार प्लस और हॉट स्टार पर आने वाले सीरियल में काम दिलाने का झांसा देते थे। जो लोग उनके इस जाल में फंस जाते थे, वो उनसे लाखों की ठगी करते थे। आरोपियों ने यूट्यूब वीडियो के जरिये ठगी करने की ट्रेनिंग ली थी।

जानकारी के अनुसार, दिल्ली में डाबरी के रघु नगर में रहने वाले एक व्यक्ति ने एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत की थी कि उनकी नाबालिग बेटी को एक्टिंग का काफी शौक है। इसके लिए वो एकता कपूर की एकेडमी से एक्टिंग और मॉडलिंग का डिप्लोमा कर रही है। वो सीरियल में काम पाना चाहती है, जिसके लिए वो एक फेमस सीरियल के लिए नए कलाकारों की तलाश के लिए इंटरनेट पर सर्च कर रही थी। इस दौरान वो एक फेसबुक पेज पर पहुंच गई।

उसने फेसबुक की पोस्ट पर क्लिक किया, तो वो वॉट्सऐप पर रिडायरेक्ट हो गया। यहां एक युवक ने उससे संपर्क किया और उससे बात करने लगा। युवक ने अपना नाम पीयुष शर्मा बताया। उसने खुद को एमटीवी स्प्लिट्सविला का पूर्व पार्टिसिपेंट बताया और कहा कि अब वो एक डायरेक्टर है। उसने लड़की से उसका पोर्टफोलियो मांगा। इसके बाद उसे फेमस डायरेक्टर/प्रोड्यूसर राजन शाही का नंबर देते हुए कहा कि वो उसके रेफरेंस से संपर्क कर लीजिए।

इसके बाद राजन शाही ने भी उसका पोर्टफोलियो मांगा और सिंटा की एचआर डायरेक्टर अनीता से कॉन्टैक्ट करने को कहा। इसके बाद उससे वादा किया गया कि उसे सीरियल में रोल दिया जाएगा। इसके बाद आरोपी किसी न किसी बहाने से उससे पैसे ऐंठने लगे। धीरे-धीरे पीड़िता ने 24 लाख रुपए आरोपियों को ट्रांसफर कर दिए। पैसे लेकर आरोपियों ने लड़की को ब्लॉक कर दिया।

पुलिस ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की। इसके लिए एक विशेष टीम बनाई गई, जिसने इस गैंग पर नकेल कसने के लिए रणनीति बनाई। टेक्निकल सर्विलांस, मनी ट्रेल और ​​डिजिटल फुटप्रिंट की मदद से जानकारी मिली कि आरोपी बातचीत करने के लिए वॉट्सऐप का ही इस्तेमाल किया करते थे।

आरोपी इस तरीके से बहुत से लोगों से ठगी कर चुके थे। वे बार-बार अपने ठिकाने बदलते रहते थे। वे गुजरात, मध्य प्रदेश, लखनऊ, कर्नाटक और केरल के अलग-अलग होटलों में ठहरते थे और वहीं से धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम दिया करते थे। वे आलीशान जिंदगी जीते थे और वो द ललित और क्राउन प्लाजा जैसे होटलों में ठहरते थे।

पुलिस ने इन आरोपियों पर लगातार निगरानी रखनी शुरू की और कर्नाटक बेंगलुरु में छापेमारी कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की पहचान 32 वर्षीय तरुण शेखर शर्मा और 29 वर्षीय आशा सिंह उर्फ ​​भावना के रूप में हुई। तरुण उत्तर प्रदेश के लखनऊ के निराला नगर का रहने वाला है। वहीं भावना दिल्ली के नांगलोई के बक्करवाला की रहने वाली है। आरोपियों के कब्जे से 7 मोबाइल फोन, 10 सिम कार्ड, 15 बैंक चेकबुक, 8 एटीएम कार्ड और कई पासबुक बरामद की गई हैं। पकड़े गए दोनों आरोपी 4 अन्य मामलों में भी वांछित हैं। इनके खिलाफ एनसीआरपी पोर्टल पर 20 शिकायतें दर्ज हैं।

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