Artificial Rain: दिल्ली कृत्रिम बारिश, पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिरसा ने बताई पक्की तारीख
दिल्ली में कृत्रिम बारिश का कार्यक्रम कई बार टला है। लेकिन अब पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने Artificial Rain को लेकर पक्की डेट बता दी है।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कृत्रिम बारिश की पक्की तारीख बताई।
मानसून की बारिश के कारण दिल्ली का मौसम सुहावना हो गया है। बारिश के चलते जहां लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिल चुकी है, वहीं वायु प्रदूषण का स्तर भी कम हुआ है। खास बात है कि दिल्ली में कृत्रिम बारिश को लेकर भी नया अपडेट सामने आ गया है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शुक्रवार को घोषणा की कि कृत्रिम बारिश के लिए सितंबर के पहले दो सप्ताह के भीतर कलाउड सीडिंग परीक्षण किए जाएंगे। इसका उद्देश्य दिल्ली की प्रदूषित हवा को साफ करना है। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बारिश के लिए पहले भी शेड्यूल तय किया था, लेकिन अब सितंबर माह में कृत्रिम बारिश के लिए उपर्युक्त समय बना रहा है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए यह वैज्ञानिक हस्तक्षेप है, अगर यह सफल साबित हुआ तो वायु प्रदूषण से दिल्ली को बचाने के लिए नया रास्ता खुल जाएगा।
कृत्रिम बारिश पर खर्च होंगे 3.21 करोड़ रुपये
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने के लिए 3.21 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। आईआईटी कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट इस योजना पर काम कर रहा है। कृत्रिम बारिश की राह में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की ओर से मंजूरी न मिलने के कारण भी बाधा बनी थी। अब डीजीसीए ने भी मंजूरी प्रदान कर दी है। बताया गया है कि सेसना 206 एच नामक विमान बादलों पर सिल्वर आयोडाइड का छिड़काव करेगा, जिससे बारिश होने की संभावना बढ़ जाएगी।
ऐसे होती है कृत्रिम बारिश
धरती से पानी की बूंदे वाष्प के रूप में ऊपर की ओर उठती हैं। ये बादलों में इकट्ठा होने लगते हैं। जब बूंदों का आकार बढ़ जाता है, तो बारिश हो जाती है। सिल्वर आयोडाइड बर्फ के क्रिस्टल बनाने में मदद करती है। इस कारण बारिश की संभावना बढ़ जाती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो क्लाउड सीडिंग से बर्फबारी तक कराई जा सकती है। अभी तक ऐसी कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई, जिसकी वजह से कलाउंड सीडिंग के कारण पर्यावरण पर नेगेटिव असर देखा हो।