ED Raid Saurabh Bharadwaj: AAP नेता सौरभ भारद्वाज के 13 ठिकानों पर ED का छापा, इस मामले में हुआ एक्शन
ED Raid Saurabh Bharadwaj: मंगलवार को ईडी ने आप नेता सौरभ भारद्वाज के घर समेत 13 ठिकानों पर छापेमारी की है। उनके घर पर अभी छापेमारी चल रही है। जानें क्या है मामला...
'आप' नेता सौरभ भारद्वाज के घर पर ईडी की छापेमारी।
ED Raid Saurabh Bharadwaj: दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के बड़े नेता सौरभ भारद्वाज के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की है। यह छापेमारी अस्पताल निर्माण से जुड़े मामले में की गई है। ईडी सौरभ भारद्वाज के 13 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। अभी उनके घर पर छापेमारी चल रही है। दरअसल, दिल्ली की एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने आप नेता सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ आप सरकार के दौरान अस्पताल निर्माण में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज किया था। इस मामले को बाद में ईडी को सौंप दिया गया। अब इसी मामले में मंगलवार को ईडी ने सौरभ भारद्वाज के घर पर छापेमारी की है।
13 ठिकानों पर रेड
मंगलवार को सुबह-सुबह ईडी की टीम आप नेता सौरभ भारद्वाज के आवास पर पहुंची और छापेमारी शुरू कर दी। अधिकारियों ने बताया कि ईडी की टीम सौरभ भारद्वाज के घर में रखे दस्तावेजों की खंगाल रही है। सौरभ भारद्वाज के ऊपर पिछली 'आप' सरकार के दौरान हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट्स में कथित घोटाले का आरोप है। इसी मामले में ईडी ने सौरभ भारद्वाज के 13 ठिकानों पर छापेमारी की है
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, साल 2018-19 में आम आदमी पार्टी के कार्यकाल के दौरान 5,590 करोड़ रुपये की लागत से 24 अस्पताल प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई थी। सरकार की योजना के अनुसार, 6 महीने के अंदर आईसीयू अस्पताल तैयार करने की तैयारी थी, लेकिन दावा किया जा रहा है कि अभी तक काम पूरा नहीं हुआ है। इन प्रोजेक्ट में काफी देरी हुई और लागत भी बढ़ी, जिससे गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगा। इस मामले में आप नेता सत्येंद्र जैन और सौरभ भारद्वाज शामिल हैं।
साल 2021 में 1,125 करोड़ रुपये के बजट में 6 आईसीयू अस्पताल बनने वाले थे, लेकिन जून 2025 तक भी सिर्फ 50 फीसदी काम ही पूरा हो सका। वहीं, इस प्रोजेक्ट में 800 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हो चुका था।
क्या लगे हैं आरोप?
- अस्पताल से जुड़े प्रोजेक्ट 6 महीने में पूरे होने थे, जो कि 3 साल भी पूरा नहीं हो पाए।
- 800 करोड़ खर्च होने के बावजूद भी सिर्फ 50 फीसदी काम पूरा हुआ।
- एलएनजेपी अस्पताल की लागत 488 करोड़ से बढ़कर 1,135 करोड़ रुपये हो गई।
- आरोप है कि कई जगहों पर बिना मंजूरी के निर्माण कार्य शुरू किए गए। इसमें ठेकेदारों की संदिग्ध भूमिका पाई गई।
- हॉस्पिटल इन्फॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (एचआईएमएस) 2016 से लंबित है। आरोप है कि इसे जानबूझकर रोक कर रखा गया।
बीजेपी नेता ने की थी शिकायत
बता दें कि पिछले साल अगस्त में उस समय के दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इस मामले में शिकायत की थी। विजेंद्र गुप्ता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार हुआ है। इसमें तत्काली स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन भी शामिल थे।