Stray Dogs Controversy: डॉग लवर्स की MCD को चेतावनी, कुत्ते पकड़ने वालों को दिया ये ऑफर, देखिये वीडियो
दिल्ली से ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें स्थानीय लोग एमसीडी को धमकाते और कुत्ते पकड़ने वालों को एक खास ऑफर देते नजर आ रहे हैं।
डॉग लवर्स कर रहे आवारा कुत्तों को हटाने के आदेश का विरोध।
दिल्ली एनसीआर में आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाकर अन्य स्थानों पर भेजने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर बवाल जारी है। कई पशु प्रेमी तो सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए थे, जिसके बाद माननीय शीर्ष न्यायालय ने उनका पक्ष सुनकर फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस बीच, सोशल मीडिया पर डॉग लवर्स के वीडियो भी सामने आ रहे हैं। लेकिन एक वीडियो में स्थानीय लोग कुत्तों को पकड़ने वालों के हाथ पांव तोड़ने की धमकी देते नजर आते हैं। खास बात है कि इस वीडियो पर भी लोगों की तरफ से खूब प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं।
इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक पुरुष और एक महिला पार्क में खड़े होकर एक वीडियो शूट कर रहे हैं। इसमें महिला धमकी देते नअर आती है कि अगर उनके इलाके में कुत्तों के पास आने और उन्हें पकड़ने की कोशिश करेंगे, तो उन लोगों के हम हाथ-पैर तोड़ देंगे। दोनों बोल रहे हैं कि एमसीडी वालों कान खोलकर सुन लो, अगर एक भी कुत्ते को हाथ लगाया तो हाथ पैर तोड़ देंगे। महिला बड़ी बड़ी लकड़ियों की ओर इशारा करते हुए कहती है कि इतने मोटे मोटे लट्ठ लगेंगे, जो भी हमारे इलाके में अगर घुस गया तो।
एमसीडी कर्मचारियों को दिया ये ऑफर
इस वीडियो में एक शख्स यह भी कहता दिखाई देता है कि कुतों को पकड़ने वालों को वेतन देंगे, लेकिन उन्हें पकड़ने की बजाए कुत्तों को बचाने के लिए स्थानीय लोगों की मदद करनी होगी। शख्स ने कहा कि अगर तुम बचना चाहते हो तो हमारी तरफ से ऑफर है। तुम सरकार के लिए काम कर रहे हो, हमारे साथ आ जाओ, जितनी सैलरी सरकार देती है, उतनी हम देंगे। हमारे साथ मिलो और बच्चों को बचाओ। तुम्हे तो सैलरी से ही मतलब है।
ये बेजुबान, हम उनकी आवाज
वीडियो के आखिरी में महिला यह कहते सुनाई देती है कि अगर हमारे एरिया में गाड़ी आई तो सोच लेना कि तुम्हारा क्या होगा। हम जेल जाने को भी तैयार हैं और मरने को भी। ये बेजुबान है और हम उनकी आवाज है। उन्होंने कहा कि ये अनाथ नहीं हैं, उनके लिए हम हैं। बता दें कि दिल्ली नगर निगम ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अगले ही दिन से आवारा कुत्तों को पकड़ने का अभियान शुरू कर दिया था। शुरुआत में राजघाट और लालकिला के आसपास घूमने वाले आवारा कुत्तों को पकड़ा गया था। इसके बाद अन्य क्षेत्रों में भी अभियान की शुरुआत कर दी।
दिल्ली सरकार के इस फैसले के विरोध में डॉग लवर्स ने शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। पशु प्रेमियों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी थी कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश अपलोड होने से पहले ही कुत्तों को पकड़ने का अभियान शुरू कर दिया गया। साथ ही, कई दलीलें भी दी थी, जिसे इस आदेश को बेजुबानों के लिए अत्याचार बताया था। वहीं दिल्ली सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क रखा था कि डॉग लवर्स की संख्या कम है, जबकि पीड़ितों की संख्या ज्यादा है। लोग अपने बच्चों को घर से बाहर निकालने में भी डरते हैं।
ऐसे में शीर्ष न्यायालय को हस्तक्षेप करना आवश्यक है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों के तर्क सुनते हुए कहा था कि इस मामले पर विवाद नहीं बढ़ना चाहिए बल्कि इस मुद्दे का शांतिपूर्वक निपटारा होना चाहिए। शीर्ष न्यायालय ने इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।