Delhi Police: लोगों के अकाउंट हैक करते, फिर ऑनलाइन गेमिंग ऐप की मदद से निकाल लेते पैसे
दिल्ली पुलिस ने ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो कि APK ऐप इंस्टॉल करवाकर लोगों का फोन हैक कर अकाउंट खाली कर देते थे। खास बात है कि पैसे निकालने के लिए अलग ही तरीका अपनाते थे।
दिल्ली पुलिस ने साइबर ठगी गिरोह का किया पर्दाफाश
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। आरोपियों की पहचान मुजफ्फर जिलानी, अफताब अंसारी और मोहम्मद इकबाल रजा के रूप में हुई है। तीनों को झारखंड के जामताड़ा से अरेस्ट किया गया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से ठगी में शामिल 5 स्मार्ट फोन और एक डेबिट कार्ड को बरामद किया है।
पुलिस ने बताया कि दिल्ली के पालम में रहने वाले केसी बर्थवाल ने शिकायत दी थी कि 5 अप्रैल 2025 को एक फोन कॉल आई थी। कॉलर ने खुद को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, मुंबई का अधिकारी बताकर जानकारी दी थी कि उनके खाते से 588.82 रुपये डिबेट हुए हैं। उसने चेताया कि अगर केवाईसी अपडैट नहीं की जाती है तो आगे भी नुकसान होगा। इसके बाद उसने एक लिंक भेजा, जिस पर क्लिक कर केवाईसी जानकारी अपडेट करने को कहा।
उन्होंने जैसे ही इस लिंक को ओपन करा, उनके खाते की पूरी जानकारी इस गिरोह तक पहुंच गई। अलग-अलग तारीखों में कुल 10.80 लाख रुपये की अवैध ट्रांजेक्शन कर ली गई। दिल्ली पुलिस ने इन्हें अरेस्ट करने के लिए विशेष टीम का गठन कर दिया। आरोपियों की लोकेशन मिलने के बाद तुरंत जामताड़ा का रुख कर लिया गया।
2 दिन तक खंगाली धूल, फिर पकड़ में आए आरोपी
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इन आरोपियों को पकड़ने के लिए झारखंड के पारंपरिक परिधान पहनकर 2 दिनों तक रैकी की। कड़ी मशक्कत के बाद सबसे हपले मुजफ्फर जिलानी और अफताब पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पूछताछ के बाद तीसरा आरोपी मोहम्मद इकबाल रजा को भी अरेस्ट कर लिया गया।
ऐसे की जाती थी ऑनलाइन ठगी
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह केवाईसी लिंक भेजकर लोगों से संवेदनशील जानकारी ले लेते थे। APK ऐप इंस्टॉल करवाकर उनके फोन को हैक कर लेते थे। उन्होंने बताया कि A23, Mobikwik, Classic Rummy का उपयोग कर पैसों को खपााते थे। फिर मूल खाते की मदद से पैसा निकाल लेते थे। पुलिस का कहना है कि आरोपियों से पूछताछ जारी है। पूछताछ के बाद इस गिरोह से जुड़े अन्य आरोपियों के साथ ही कई अन्य वारदातों के खुलासा होने की भी उम्मीद है।